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आईबीएन-7, 14 अक्टूबर 2012
वैसे तो पानी जिंदगी देती है, लेकिन उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले का पानी वहां के लोगों की जिंदगी को ही नहीं बल्कि उनके नस्लों को भी तबाह कर रहा है। सहारनपुर जिले में भनेड़ा खेमचंद गांव बीमार गांव के नाम से जाना जाता है। गांव की आबादी लगभग 3000 है, जिनमें से ज्यादातर लोग किसी न किसी बीमारी से परेशान हैं। 80 प्रतिशत लोग त्वचा के रोग से ग्रसित हैं। पेट की बीमारी, लिवर सिरोसिज जैसी बीमारयां हैं। हर साल 2-3 लोगों को कैंसर भी हो जाता है। यहां फैल रही बीमारियों की वजह पीने का पानी है। यहां पीने के पानी के लिए एक ही विकल्प है हैंडपंप और गांव के सभी हैंडपंप से पीला पानी निकलता है। इस पानी के अलावा यहां के लोगों के पास कोई और विकल्प नहीं है। भूमिगत पानी के प्रदूषित होने की बड़ी वजह इस इलाके में लगी फैक्ट्रियां हैं जो अपना जहरीला पानी और कचरा बिना ट्रीट किए छोड़ रही हैं। फैक्ट्रियों का ये जहरीला पानी रिस कर भूमिगत जल को प्रदूषित कर रहा है। कई बार शिकायतों के बावजूद प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।