सींग गिरैला बरद के

Submitted by Hindi on Wed, 03/24/2010 - 12:20
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घाघ और भड्डरी

सींग गिरैला बरद के, औ मनई का कोढ़।
ये नीके ना होयँगे, चाहे बद लो होड़।।


भावार्थ- बैल का गिरा हुआ सींग और आदमी का कोढ़, ये कभी ठीक नहीं होते चाहे शर्त लगा लो।