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पानी का अर्थशास्त्र (रेवासागर अध्ययन रिपोर्ट)
मैं कृषक मनमोहन धूत पिता श्री चम्पालालजी धूत निवासी ग्राम नानथूरिया विकासखंड कन्नौद जिला देवास का होकर म.प्र. शासन के जलाभिषेक कार्यक्रम अंतर्गत श्रीमान जिला कलेक्टर महोदय के मार्गदर्शन में तथा कृषि विभाग की सलाह पर हमारी स्वयं के स्वामित्व की भूमि जिसका रकबा 20 हेक्टेयर हैं में 1 हेक्टेयर क्षेत्र में रेवासागर का निर्माण स्वयं के व्य से किया जिसकी लागत 3.00 लाख रू. आई है। रेवासागर तालाब बरसात की शुरुआत में ही भर गया था।
रेवासागर तालाब के पास ही स्थित दो सूखे कुएं भी पानी से पूरी तरह भर गए। वर्तमान में मेरे द्वारा रेवासागर से 7-10 हेक्टेयर रकबे में पानी दिए जाने की सम्भावना है। गत वर्ष की तुलना में गेहूं का उत्पादन 100 से 120 क्विंटल कुल अतिरिक्त प्राप्त होगा। साथ ही रेवासागर की पाल पर अरहर फसल बोई है उससे लगभग 10 क्विंटल उपज प्राप्त होगी। इस प्रकार रेवासागर निर्माण करने से कुल एक रबी सीजन में ही 1.25 लाख रुपए का फायदा होगा। हमारी तरफ से सभी कृषक बंधुओं से निवेदन है कि वे भी इस योजना की अपनाकर स्वयं एवं देश की समृद्धि करें।
मनमोहन धूत
कृषक, ग्राम नानथूरिया
जिला देवास (म.प्र.) सफलता की कहानी
रेवासागर तालाब के पास ही स्थित दो सूखे कुएं भी पानी से पूरी तरह भर गए। वर्तमान में मेरे द्वारा रेवासागर से 7-10 हेक्टेयर रकबे में पानी दिए जाने की सम्भावना है। गत वर्ष की तुलना में गेहूं का उत्पादन 100 से 120 क्विंटल कुल अतिरिक्त प्राप्त होगा। साथ ही रेवासागर की पाल पर अरहर फसल बोई है उससे लगभग 10 क्विंटल उपज प्राप्त होगी। इस प्रकार रेवासागर निर्माण करने से कुल एक रबी सीजन में ही 1.25 लाख रुपए का फायदा होगा। हमारी तरफ से सभी कृषक बंधुओं से निवेदन है कि वे भी इस योजना की अपनाकर स्वयं एवं देश की समृद्धि करें।
मनमोहन धूत
कृषक, ग्राम नानथूरिया
जिला देवास (म.प्र.) सफलता की कहानी