बृहत् ज्वार, बृहत ज्वारभाटा
जब पृथ्वी, सूर्य तथा चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं, उस समय बहुत अधिक आयाम के ज्वार भाटे आ जाते हैं। सूर्य तथा चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल एक ही दिशा में कार्य करता है, जिसके कारण वह और अधिक प्रबल हो जाता है और सामान्य स्थिति में आने वाले ज्वार-भाटे की अपेक्षा उच्च ज्वार अधिक उच्च तथा निम्न ज्वार और अधिक निम्न रहता है। चन्द्रकलाओं के अध्ययन से यह पता चलता है कि ये मास में पूर्णिमा तथा अमावस्या के समय ही उत्पन्न होते हैं।