तालाबों में पानी कम, विवाद ज्यादा

Submitted by RuralWater on Sat, 11/26/2016 - 10:19

वर्षा की कमी, गर्मी की अधिकता और अपर्याप्त ठंड की वजह से इस बार फसलों सहित क्षेत्र के तालाबों पर असर देखने को मिल रहा है। सिंचाई विभाग व ग्रामीणों का कहना है इस बार बारिश कम हुई है, तो ठंड भी मौसम से रुखस्त ही नजर आ रही है। ऐसे में फिलहाल किसानों को गेहूँ की फसल बचाने का एक मात्र रास्ता सिर्फ पानी ही नजर आ रहा है। नतीजतन, नहर से या तालाबों से जो पानी मिल रहा है, उसका इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। धार। सरदारपुर विकासखण्ड में यूँ तो कहने को 72 तालाब हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश में अब पानी कम होने लगा है। जिन तालाबों में पानी है, वहाँ के पानी को नहर के मार्फत इस्तेमाल को लेकर विवादों का दौर जारी है। इससे सम्बन्धित विभाग भी त्रस्त हो चुका है। वहीं किसानों ने भी अपनी फसलों को बचाने के लिये जोर आजमाइश शुरू कर दी है।

वर्षा की कमी, गर्मी की अधिकता और अपर्याप्त ठंड की वजह से इस बार फसलों सहित क्षेत्र के तालाबों पर असर देखने को मिल रहा है। सिंचाई विभाग व ग्रामीणों का कहना है इस बार बारिश कम हुई है, तो ठंड भी मौसम से रुखस्त ही नजर आ रही है। ऐसे में फिलहाल किसानों को गेहूँ की फसल बचाने का एक मात्र रास्ता सिर्फ पानी ही नजर आ रहा है। नतीजतन, नहर से या तालाबों से जो पानी मिल रहा है, उसका इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। ऐसे में तालाबों में जलस्तर गिर गया है। सम्भावना जताई जा रही है कि हालात ऐसे ही रहे तो अगले एक पखवाड़े के भीतर अधिकांश तालाबों में पानी नहीं के बराबर बचेगा।

10 से 12 तालाबों में ही बचा है पर्याप्त पानी


सिंचाई विभाग की मानें तो क्षेत्र के सभी तालाबों में से महज 10 से 12 तालाब ही ऐसे बचे हैं, जिनमें पर्याप्त पानी है। शेष में पानी की कमी नजर आने लगी है। बताया जा रहा है कि इस बचे हुए पानी का इस्तेमाल भी धड़ल्ले से हुआ तो पर्याप्त पानी की सूची में से बचे हुए तालाब भी जल्द ही बाहर हो जाएँगे।

चार की बजाय छह से अधिक बार दे दिया पानी


मौसम की गर्माहट खत्म नहीं हो रही है। ठंड का जोर कमजोर देखते हुए किसानों ने गेहूँ की फसल को बचाने के लिहाज से पर्याप्त पानी देने का प्रयास किया और वे इसमें सफल भी रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इस मर्तबा किसानों ने छह से अधिक बार फसलों को नहरों का पानी पिला दिया है। दरअसल, पानी देने की अधिकतम मात्रा 4 बार बताई जा रही है। ऐसा इसलिये कि ठंड यदि साथ देती है, तो गेहूँ को इतने पानी की आवश्यकता नहीं होती। इससे तालाबों में पानी कम हो गया है।

एक बार फिर नहर को नुकसान, नहीं थम रहे विवाद


गुरुवार-शुक्रवार दरमियानी रात आनन्दखेड़ी तालाब से निकलने वाली नहर के पानी को लेकर कुछ ग्रामीणों ने रुकावट पैदा करने का प्रयास किया। इसके तहत नहर में ही पत्थर डाल दिये गए। इसके चलते शुक्रवार को कई खेतों में पानी नहीं पहुँच पाया। अधिकारियों का कहना है कि आये दिन इस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं। नतीजतन, पुलिस का सहयोग भी लेना पड़ सकता है। इसके पहले गोविन्दपुरा जलाशय की नहर को फोड़ दिया गया था। ऐसे मामले आये दिन होने से सिंचाई विभाग भी परेशान है।

पानी कम हुआ है


अधिक सिंचाई व बारिश की कमी से तालाबों में पानी कम होने लगा है। कई तालाबों में पानी आखिर स्तर पर पहुँच चुका है। फिर भी प्रयास कर रहे हैं कि लोगों को पानी की कमी नहीं आये। आनन्दखेड़ी तालाब की नहर में कुछ अज्ञात लोगों ने पत्थर डालकर इसे बन्द करने का प्रयास किया था। सुबह से उसे सुधारने में लगे हुए हैं। हालात ऐसे होने लगे हैं कि अब पुलिस की मदद भी लेनी पड़ सकती है... श्यामसिंह चौहान, सब इंजीनियर, सिंचाई विभाग, सरदारपुर

चार तालाबों में पानी खत्म होने को है


बहुत ज्यादा परेशानियाँ आ रही हैं। लोग नहरों को ही नुकसान पहुँचा देते हैं। चूँकि यह मामला अक्सर रात में होता है, इसलिये अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करा रहे हैं। जहाँ तक तालाबों में पानी कम होने की बात है तो भोपावर, पानपुरा, बोदली व एक अन्य तालाब हमारी जानकारी में है, जहाँ पानी खत्म होने को है... बीएस अवासिया, एसडीओ, सिंचाई विभाग, सरदारपुर