उदन्त बरदे उदन्त ब्याये

Submitted by Hindi on Wed, 03/24/2010 - 12:27
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घाघ और भड्डरी

उदन्त बरदे उदन्त ब्याये।
आप जायँ या खसमै खाये।।


भावार्थ- जो गाय उदन्त (जिसके दूध के दाँत न गिर चुके हों) अवस्था में साँढ़ से जोड़ा खाय और उदन्त ही बच्चा दे, वह यो तो स्वयं मर जाती है या मालिक को मार डालती है।