प्रायः ज्वालामुखी क्रिया वाले क्षेत्रों में ज्वालामुखी क्रिया के शांत हो जाने पर ज्वालामुखी छिद्रों तथा दरारों से भूतल पर प्रकट होने वाला गर्म जल का स्रोत (झरना) जो भूमि के नीचे से स्वतः लगातार निकलता रहता है। उष्ण स्रोत उन भागों में भी पाये जा सकते हैं जहाँ भूगर्भ में स्थित मैग्माभंडार, पृथ्वी की आंतरिक उष्मा अथवा अन्य कारणों से भूतल के नीचे जल गर्म हो जाता है और ऊपर निकलने की जगह (छिद्र या दरार) मिलने पर धरातल पर निकलने लगता है। उष्ण स्रोत के जल में अनेक प्रकार के खनिज घुले रहते हैं जो धरातल पर स्रोत के मुख के चारों ओर जमा होते रहते हैं।
अन्य स्रोतों से
Hot spring (=thermal spring) in Hindi (गर्म चश्मा, उष्ण स्रोत)
ज्वालामुखी क्रिया वाले क्षेत्रों में स्थल से निकलने वाला उष्ण जल, जो भूमि के अंदर से लगातार निकलता रहता है।
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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