विसर्जन

Submitted by admin on Sun, 09/29/2013 - 13:24
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काव्य संचय- (कविता नदी)
दिन पवित्र, वेला मंगलमय
नदियों में
नावों के उत्सव।
घाटों पर ये कलश-कलसियाँ
पितर पुण्य के
ये अशेष रव।
कर दो आज विसर्जन कर दो
फिर यह वेला नहीं आएगी।

‘भटका मेघ’ से