यह संरचना लूज बोल्डर चेक से थोड़ी भिन्न है। इसमें बोल्डर को संग्रहित कर तार की जाली में बाँधकर रखते हैं, जिससे बोल्डर पानी के साथ नहीं बहते, तथा इनके ऊपरी भाग में जलसंग्रह अधिक होता है।
इस संरचना का लक्ष्य भी पानी के वेग को नियंत्रित कर मिट्टी के बहाव को रोकना तथा आसपास के भूजल स्तर को बढ़ाना है। वर्षा ऋतु के बाद कुछ महीनों तक निस्तार कार्य हेतु काम में आता है। यह संरचना ऐसे स्थान पर बनाना चाहिए, जहाँ नाले के किनारे मजबूत तथा ऊँचाई पर्याप्त हो ताकि जल संग्रहण अधिक मात्रा में हो सके।
स्थल चयन के बाद सर्वप्रथम ट्रेंच नाले के पूर्ण चौड़ाई में 1 से 2 मीटर चौड़ी तथा गहराई में मजबूत चट्टान आने तक एक खंती का निर्माण करते हैं। बाद में तार की जाली बिछाकर उस पर मोटे बोल्डर जमाते हैं। खुदाई से प्राप्त मिट्टी को सीमेंट की खाली बोरियों में भरकर संरचना के ऊपरी भाग में जमा देते हैं। गेबियन संरचना के किसी भी एक ओर एक नाली खोदना चाहिए ताकि अतिरिक्त जल को निष्कासित किया जा सके।