सूर्य या चंद्रमा के इर्दगिर्द बनने वाला चमकीला वलय। यह वलय सूर्य या चंद्रमा के प्रकाश के पक्षाभ मेघों द्वारा अपवर्तन और परावर्तन के फलस्वरुप बनता है। पक्षाभ मेंघों में बर्फ के प्रिज्मीय रवे मौजूद होते हैं।
सबसे अधिक बनने वाला आभामंडल सूर्य/चंद्रमा के इर्दगिर्द 220 त्रिज्या का वलय होता है। कभी-कभी 460 त्रिज्या का भी आभामंडल दिखाई देता है।
सूर्य के इर्दगिर्द निर्मित, भली-भांति विकसित, आभामंडल अंदर की ओर लाल रंग की धारी और बाहर की ओर बैंगनी रंग की धारी दर्शाता है।
चन्द्र आभामंडल प्रायः सौर आभामंडल से कम चमकीला होता है।
सबसे अधिक बनने वाला आभामंडल सूर्य/चंद्रमा के इर्दगिर्द 220 त्रिज्या का वलय होता है। कभी-कभी 460 त्रिज्या का भी आभामंडल दिखाई देता है।
सूर्य के इर्दगिर्द निर्मित, भली-भांति विकसित, आभामंडल अंदर की ओर लाल रंग की धारी और बाहर की ओर बैंगनी रंग की धारी दर्शाता है।
चन्द्र आभामंडल प्रायः सौर आभामंडल से कम चमकीला होता है।