अमेरिकन हेल्थ एसोसिएशन की एक जर्नल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ आर्सेनिक मिले हुए पानी के सेवन से युवाओं में दिल की बीमारी का ख़तरा कई गुना बढ़ जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक आर्सेनिक के कारण दिल में खून की पंपिंग करने वाला हिस्सा अधिक मोटा हो जाता है। जिसके चलते भविष्य में दिल की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऑस्ट्रिया के ‘हॉस्पिटल हीत्जिंग’ के शोधकर्ता ‘गेर्नोट पिचलर’ ने कहा है कि भूमिगत जल का इस्तेमाल करने वालों को इस बात पर खासा ध्यान रखना चाहिए कि जो पानी वह पी रहे हैं, उसमे आर्सेनिक न हो। क्योंकि यदि पानी में आर्सेनिक हुआ तो दिल को बहुत नुकसान हो सकता है।
वैसे तो आर्सेनिक से दिल की बिमारियों के खतरे को लेकर पहले भी शोध कार्य किये जाते रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है कि जब युवाओं पर इसका असर जांचा गया है। गेर्नोट पिचलर के इस अध्ययन में 1,337 वयस्कों से जुड़े डाटा का विश्लेषण किया गया। अध्ययन में शामिल लोगों की औसत आयु 30.7 वर्ष थी। इन सभी 1,337 वयस्कों से मूत्र के नमूने एकत्र किए गए, जिनकी औसत आयु 30.7 वर्ष थी, और आर्सेनिक के स्तर के लिए परीक्षण किया गया था। अल्ट्रासाउंड के माध्यम से उनके दिलों के आकार, आकार और कार्यक्षमता का आकलन किया गया। अल्ट्रासाउंड और ईसीजी के जरिए उनके दिल के आकार, आकृति व उसके कार्यप्रणाली को जांचा गया। इसमें पाया गया कि आर्सेनिक युक्त पानी के संपर्क में आने वालों में दिल में बदलाव का खतरा 58 फीसदी ज्यादा था।
"आम जनता के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि आर्सेनिक हृदय रोग के लिए एक जोखिम कारक हो सकता है, वर्तमान में निजी कुओं को विनियमित नहीं किया जाता है और बच्चों और युवा वयस्कों सहित निजी कुओं का उपयोग करने वाले लोगों को संरक्षित नहीं किया जाता है।" - गेर्नोट पिचलर, शोधकर्ता, हॉस्पिटल हीत्जिंग
अध्ययन के शुरुआत में प्रतिभागियों में से किसी को भी मधुमेह या हृदय रोग का शिकायत नहीं था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जब मूत्र में आर्सेनिक का स्तर दोगुना हो जाता है, तो बाएं वेंट्रिकुलर हाइपरट्रॉफी के विकास की संभावना,जो दिल के मुख्य पंपिंग चैंबर की दीवारों का मोटा होने की एक प्रक्रिया है, बढ़कर 47% हो गया। जैसे-जैसे हृदय की मांसपेशियों की दीवारें मोटी होती जाती हैं, हृदय को पूरे शरीर में रक्त पंप करने के लिए कठिन और कठिन काम करना चाहिए। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, ऐसी स्थिति बिगड़ने पर अचानक कार्डियक अरेस्ट, स्ट्रोक और हार्ट फेल्योर से जुडी समस्याएं बढ़ा सकती हैं।
"आम जनता के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि आर्सेनिक हृदय रोग के लिए एक जोखिम कारक हो सकता है, वर्तमान में निजी कुओं को विनियमित नहीं किया जाता है और बच्चों और युवा वयस्कों सहित निजी कुओं का उपयोग करने वाले लोगों को संरक्षित नहीं किया जाता है।" - गेर्नोट पिचलर, शोधकर्ता, हॉस्पिटल हीत्जिंग