आवरण फसल का प्रयोग उन फसलों में किया जाता है जिनकी 2 लाइनों के बीच काफी खाली जगह होती है जो वर्षा ऋतु में मृदा अपरदन एवं पोषक तत्व क्षरण को बढ़ावा देती है। इस खाली जगह में कोई कम ऊचांई एंव उथली जड़ों वाली दाल वर्गीय (Leguminous) प्रजाति की खेती करते है, जो खाली जगह पर आवरण बनाकर मृदा संरक्षण के साथ साथ पोषक तत्व क्षरण को भी निंयत्रित करती है।
पलवार में फसलों के बेकार, पुआल, भूंसी, सूखी पत्तियों का प्रयोग खाली स्थानों को ढ़कनें में किया जाता है जो खाली जगह पर आवरण बनाकर मृदा अपरदन एवं पोषक तत्व क्षरण को निंयत्रित करती है। पहाड़ी क्षेत्रों में फलों के बागों में आवरण फसल एंव पलवार का विशेष महत्व है।
पलवार में फसलों के बेकार, पुआल, भूंसी, सूखी पत्तियों का प्रयोग खाली स्थानों को ढ़कनें में किया जाता है जो खाली जगह पर आवरण बनाकर मृदा अपरदन एवं पोषक तत्व क्षरण को निंयत्रित करती है। पहाड़ी क्षेत्रों में फलों के बागों में आवरण फसल एंव पलवार का विशेष महत्व है।