बायस बुलट द्वारा, सन् 1857 में प्रस्तुत किया गया नियम। इसके अनुसार जब पवन प्रेक्षक के पीछे से बह रही होती है तब निम्न दाब उत्तरी गोलार्द्ध में प्रेक्षक की बांयी ओर और दक्षिणी गोलार्द्ध में दाहिनी ओर रहता है। परिणामस्वरुप उत्तरी गोलार्द्ध में पवन निम्न दाब क्षेत्र (चक्रवात) के इर्द-गिर्द वामावर्त दिशा में और दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त दिशा में घूमती है। उच्च दाब क्षेत्र (प्रतिचक्रवात) के इर्द-गिर्द पवन के घूमने की दिशा इससे उल्टी होती है।
बायस बुलट नियम (Buys Bullot’s Law)
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