बदला मानसून का समय

Submitted by admin on Fri, 09/04/2009 - 07:27
Source
भास्कर न्यूज, June 16, 2009

रायपुर. ग्लोबल वॉर्मिंग का असर छत्तीसगढ़ समेत पूरे मध्यभारत में साफ दिखने लगा है। पिछले 37 सालों के मौसम संबंधी डाटा के विश्लेषण से साफ है कि मानसून प्रदेश में करीब 7 से 8 दिन देरी से आ रहा है। तीन-चार दशक पहले की तरह अक्टूबर में अब अच्छी बारिश भी नहीं हो रही। मौसम विभाग भी मानसून ऑनसेट की तारीख बदलने की तैयारी में जुट गया है। इस स्थिति में कृषि योजना सहित खेती से जुड़ी सारी योजनाओं को नए सिरे से प्लान करना होगा।

मौसम विभाग के अनुसार छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और विदर्भ में मानसून के प्रवेश की सामान्य तिथि 10 जून है। पर पिछले साढ़े तीन दशक के आंकड़े अलग ही कहानी कह रहे हैं। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. एएसआरएएस शास्त्री ने मानसून के प्रवेश की सही तारीख का पता लगाने वर्ष 1971 से लेकर 2008 तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इन 37 सालों में सबसे जल्दी मानसून 1971 में तीन जून को आया था। मानसून के सर्वाधिक विलंब से पहुंचने का रिकार्ड 1987 का है, जब बारिश की पहली झड़ी पांच जुलाई को आई थी।

डॉ. शास्त्री का कहना है कि मानसून के प्रदेश में प्रवेश की तारीख का औसत 18 जून है। इस तिथि से छह दिन आगे-पीछे यानि 12 से 24 जून के बीच मानसून आने लगा है। इन अवधि में केवल पांच साल (1971, 77, 84, 1993, 2001 को) मानसून 18 जून के पहले और तीन साल (1987, 2006, 2008 में) इस तिथि के बाद आया। इस दौरान जून में बारिश का औसत 194 मिमी आ रहा है। मानसून का समय बदलने के पीछे सबसे अहम वजह ग्लोबल वामिर्ंग है।

किसी एक दिन में बहुत ज्यादा बारिश या बहुत लंबे समय तक सूखा इसके स्पष्ट संकेत हैं। गौरतलब है कि 2007 में 18 जून को एक ही दिन में 370 मिमी बारिश हुई थी। 11 जून 04 में भी 173 मिमी बारिश हुई थी। वैसे भी छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और विदर्भ 23 डिग्री अक्षांस रेखा के पास है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले सालों में क्लायमेटिकल चेंजेस की वजह से ट्रॉपिकल एरिया में शामिल छत्तीसगढ़ समेत इन तीनों इलाकों में बारिश कम होगी।

मौसम विभाग के निदेशक एमएल साहू ने बताया कि 10 जून की तारीख वर्ष 1950 से 1980 तक के आंकड़ों के आधार पर तय की गई है, जबकि उसके बाद मौसम में काफी बदलाव आए हैं। 1980 से 2008 तक के आंकड़ों के आधार पर एक रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जा चुकी है। मध्य भारत में इसके हिसाब से मानसून के आने की तारीख करीब एक हफ्ते बाद 16 जून के आसपास की आ रही है।
 

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