उत्खात भूमिः
वनस्पति से लगभग पूर्णतया विहीन एक क्षेत्र जहां विभेदी अपरदन (differential erosion) द्वारा सामान्य प्रकार की पहाड़ियां तथा घाटियाँ बनने के बजाय संकीर्ण खड्डों तथा अति तीक्ष्ण श्रृंगों एवं शिखरिकाओं का एक जटिल जाल-सा विकसित हो जाता है।
ऐसा अपरदी भू-दृश्य, जहाँ अनेक खड्ड और खाइयाँ पठार की सतह को काट देती है। इस प्रकार की रचना कठोर मृदा के अपरदन के परिणामस्वरूप भी हो सकती है।