बहाल होंगे 45 हजार स्वच्छता दूत

Submitted by Hindi on Sun, 09/07/2014 - 10:30
Source
दैनिक भास्कर, 07 सितंबर 2014
खुले में शौचराज्य में 45 हजार स्वच्छता दूतों की नियुक्ति शीघ्र होगी। इनकी चयन प्रक्रिया, कर्तव्य एवं कार्य के संबंध में मार्गदर्शिका भी तैयार कर ली गई है। स्वच्छता संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त करने में स्वच्छता दूत अपनी महती जिम्मेदारी निभाएंगे।

इन दूतों का मुख्य कार्य लोगों को शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित करना, खुले में शौच की प्रथा को करने में सहयोग देना और शुद्ध पेयजल के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए पंचायत स्तर पर स्थानीय परामर्श उपलब्ध कराना।

1 करोड़ 21 लाख परिवार में शौचालय नहीं


राज्य में अब भी 1 करोड़ 21 लाख परिवारों के यहां शौचालय नहीं है। वे खुले में शौच करते हैं। इस कारण उन्हें कई तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ता है। राज्य सरकार ने वर्ष 2015 तक खुले में शौच प्रथा को खत्म करने की योजना बनाई है। इसके तहत स्वच्छता दूतों के सहारे ग्रामीण क्षेत्रों के सभी घरों में शौचालय निर्माण करवाने के लिए प्रेरित करेगी।

स्वच्छता दूत का चयन इंदिरा आवास योजना के लिए चयनित ग्रामीण आवास सहायक, एनआरएम की आशा और एसएचजी की सदस्यों में से किया जाएगा। चयन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को दी गई है। ग्रामसभा पैनल बनाकर इसकी सूची जिला जल एवं स्वच्छता समिति को भेजेगा। दूतों की संख्या का निर्धारण जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा।

केरल-कर्नाटक मॉडल का अध्ययन करेगा बिहार


पटना पंचमवित्त आयाेग वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए अगले महीने अपनी अंतरित रिपोर्ट देगा। आयोग के अध्यक्ष एएनपी सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। स्थानीय निकायों के कार्यकलापों का अध्ययन करने के लिए आयोग का दल उत्तरप्रदेश, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात और अांध्रप्रदेश का दौरा करेगा। आयोग ने पंचायती राज नगर विकास विभाग को प्रश्नावली भेजकर जवाब देने का अनुरोध किया है। आयाेग पांच सबसे अच्छे और पांच सबसे खराब निकायों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेगा और काम के दौरान आने वाली परेशानियों की जानकारी लेगा। बैठक में सी. अशोकवर्द्धन, प्रभाष चंद्र राय भी थे।

(क) दूतों की चयन प्रक्रिया एवं कर्तव्य के लिए मार्गदर्शिका तैयार, गांवों में शौचालय निर्माण के लिए लोगों को करेंगे प्रेरित
(ख) 2 हजार की आबादी पर एक तथा तीन से चार हजार की आबादी पर कम से कम दो स्वच्छता दूत चयनित किए जाएंगे। इनमें महिलाओं, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को समानुपातिक प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। स्वच्छता दूतों को बतौर प्रोत्साहन प्रति शौचालय 75 रुपए तथा शुद्ध जल के लिए प्रेरित करने पर 25 रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे।

अंशुलीआर्या, प्रधानसचिव, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग