पृथ्वी की सतह पर उत्पन्न होने वाले या कार्य करने वाले बल जो भूतल को समतल करने में सदैव क्रियाशील रहते हैं। अतः इन्हें समतल स्थापक बल भी कहते हैं। इनका प्रमुख कार्य भूसतह पर अनाच्छादन (अपक्षय एवं अपरदन) के रूप में होता है। अपक्षय में भाग लेने वाले प्रमुख कारक हैं- सूर्यातप, वायु, जल, तुषार, वनस्पतियां तथा जीव-जंतु। अपरदन के प्रक्रमों (अपरदनकारी शक्तियों) में प्रवाही जल (सरिता), भूमिगत जल, पवन, हिमनद, परिहिमानी, सागरीय लहरें प्रमुख हैं।
अन्य स्रोतों से
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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