अनुकूल देशी धान की किस्में जो कि 100 दिन अथवा उससे कम समय में पकती है। उस वातावरण में जहाँ पर इनकी कास्त की जाती हैं तथा 20 बोरे प्रति एकड़ एवं अधिक (3705 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर अथवा अधिक) उत्पादन देती है, जिनका विवरण दिया गया है। इन किस्मों से चुनाव की गई किस्मों का न्यूक्लियस बीज अनुकूलता धान अनुसंधान केन्द्र पर उपलब्ध है। जिनका विभागीय बीज उत्पादक प्रक्षेत्रों पर प्रगुणन कर पर्याप्त मात्रा में बीज का स्टॉक तैयार किया जा सकता है।
अ.क्र. |
कार्यालय राज्याभिलेख अनुक्रमांक |
किस्म का नाम |
स्थापना (Location) |
|
जिला |
विकासखंड |
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1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
1 |
बी-250 |
भाटा सफरी |
रायपुर |
तिल्दा |
2 |
के-459 |
- |
रायगढ़ |
पुसौर |
3 |
एल-333 |
लल्लू-14 |
मण्डला |
मोहगाँव |
4 |
ए-203 |
अमरज्योति |
मंडल |
बिछिया |
5 |
के-650 |
खैरा नुनगा |
दमोह |
जबेरा |
6 |
एल-34 |
लोंगा |
सीधी |
सिंहावल |
7 |
बी-695 |
बटरी |
टीकमगढ़ |
जबेरा |
8 |
के-250 |
खेसरोसाल |
झाबुआ |
भावरा |
* 9 |
एन-126 |
नैनाकाजल |
झाबुआ |
भावरा |
10 |
के-249 |
खेतुड़ीसाल सफेद |
झाबुआ |
मेघनगर |
11 |
एस-144 |
साल |
झाबुआ |
मेघनगर |
* सबसे अधिक उत्पादक - नैनाकाजल 41 बोरे प्रति एकड़ (6595 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर) उत्पादन देती है। |
मध्य प्रदेश की कुछ चुनी हुई उन्नत एवं प्रसिद्ध देशी धान की जातियाँ
विपुल पैदावार के लिये स्थानीय धान की किस्मों से चुनी गई धानों का शुद्ध बीज अब उपलब्ध है, जिनमें मुख्य बीमारियों एवं कीड़ों के प्रति वातावरणीय निरोधक के गुण पाए गए हैं। दूसरे केन्द्रों से प्राप्त कुछ किस्मों का भी चुनाव छत्तीसगढ़ वातावरणों में किया गया है।
इस प्रजनन कार्यक्रम (Breeding Programme) में इस प्रांत के चावल उत्पादक क्षेत्र के अंतर्गत किस्मों की व्यापक अनुकूलता (Wider Adaptability) को सामने रखते हुए उन धानों पर खास जोर दिया गया है जो ज्यादा क्षेत्र में लगाई जाती हैं या लगाई जा सकती हैं। इन किस्मों से 40 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर तक देने से कम खर्च पर अच्छी पैदावार मिल सकती है। सिर्फ दो किस्मों को छोड़कर याने 'सुगंधित दुबराज लाल' और 'टेड़सी सुगंधित' ये सब किस्में सफेद चावल वाली है।
यहाँ ऐसी किस्में भी पाई जाती हैं जो बौनी व अर्ध बौनी है। जो यदि काम में लाई जाए तो उनसे काफी उत्पादन में वृद्धि हो सकती है क्योंकि इनमें सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे उस वातावरण के अनुकूल हैं और बीमारियों तथा कीड़ों का प्रकोप इनमें नहीं के बराबर या कम होता है। इनमें अधिक नाइट्रोजन पचाने की शक्ति भी है। अनुसंधान की दृष्टिकोण से इन बौनी व अर्धबौनी किस्मों का बहुत बड़ा स्थान है।
ऐसी कुछ चुनी हुई धानें आगे दिखाई गई है।
अरन पपैया बी.डी. 805 : लम्बा बारीक चावल।
आसाम गहरे पानी की धान बी.डी. 27 : यह 20 फुट पानी की गहराई तक उगाई जा सकती है। साधारण तथा 140 से.मी. ऊँची, न गिरने वाली धान है।
आसाम चूड़ी कम्पोजिट बी.डी. 6 : यह देर से पकने वाली व न गिरने वाली धान की किस्म है।
अजान बी.डी. 123 : यह मध्यम समय में पकने वाली धान है। इसका चावल भी मध्यम होता है।
आत्मशीतल बी.डी. 293 : सुगंधित छोटा बारीक चावल।
ई.बी. 17 बी.डी. 821 : जल्दी पकने वाली धान की किस्म।
उरई बूटा बी.डी. 55 : लम्बा-मध्यम चावल एवं मध्यम समय में पकने वाली धान।
उड़न पखेरू बी.डी. 42 : अफलित तुष (Sterile glume) के साथ मोटा चावल, प्रोटीन की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक।
उमरी धान बी.डी. 1294 : बहुत चौड़ा, मोटा एवं वजनदार दानें।
ओरई कान बी.डी. 288 : जल्दी पकने वाली धान की किस्म।
कनक चूड़ी बी.डी. 104 : सूखा निरोधक धान की किस्म।
कतरनी भोग बी.डी. 7 : मध्यम बारीक सुगंधित चावल एवं बीमारी निरोधक।
कपूर कान्ति बी.डी. 1233 : छोटा बारीक चावल।
काली मूंछ बी.डी. 445 : मध्यम बारीक सुगंधित चावल।
काली कामोद बी.डी. 473, 445, 1190 : मध्यम बारीक, हल्का सुगंधित चावल।
कारी गिलास बी.डी. 295 : सुगंधित लाल चावल।
क्रास 116 बी.डी. 30, बी.डी. 533, बी.डी. 592,बी.डी. 1255 : मध्यम समय में पकने वाली। भोंदू एवं परेबा के संकरण का प्रतिनिधि है।
किस्मत बी.डी. 1186 : मध्यम बारीक एवं मध्यम समय में पकने वाली किस्म।
कुव्री मोहर बी.डी. 655, बी.डी. 401 : मध्यम बारीक सुगंधित चावल।
गंगादूबी बी.डी. 1152 : मध्यम समय में पकने वाली मध्यम बारीक सुगंधित चावल।
गंदो बी.डी. 1194 : देर से पकने वाली न गिरने वाली (Non-loading) धान की किस्म।
गंधक बी.डी. 1014 : जल्दी पकने वाली सुगंधित किस्म।
गुरमटिया किस्में बी.डी. 658 : मध्यम से मोटा चावल एवं मध्यम समय में पकने वाली धान किस्म।
गोंदाझूल बी.डी. 5 : जल्दी पकने वाली व अधिक संख्या में छोटे दानें।
चिन्नौर बी.डी. 1187 : मध्यम बारीक सुगंधित चावल।
चिलकट बी.डी. 103 : सूखा निरोधक धान की किस्में।
छत्री किस्में बी.डी. 142, बी.डी. 1073, बी.डी. 1218 : हल्का सुगंधित चावल। छिन्दमौर बी.डी. 1278 : मध्यम चावल, देर से पकने वाली धान।
छिन्दी कपूर बी.डी. 1153 : छोटा बारीक सुगंधित चावल।
जीरा शंकर बी.डी. 1170 : छोटा बारीक हल्का सुगंधित चावल।
झिल्ली बी.डी. 149, बी.डी. 1102 : मध्यम बारीक चावल।
झूमरिया बी.डी. 18 : चावल मोटा, जल्द से पकने वाली किस्म।
टेड़सी बी.डी. 319 : सुनहरी लाल चावल।
टेड़ी बी.डी. 1150 : लंबा बारीक चावल।
टेड़ी बांको बी.डी. 542 : लंबा बारीक चावल।
डेसकी बी.डी. 1195 : लंबा बारीक चावल।
डोकरा डोकरी बी.डी. 1191 : सबसे लम्बा दाना, लगभग 15 मि.मी.। लम्बाई में पहुँच रहा है।
तिल कस्तूरी बी.डी. 1246 : छोटा बारीक सुगंधित चावल।
तुलसी अमृत बी.डी. 1158 : छोटा बारीक सुगंधित चावल।
तुलसी प्रसाद बी.डी. 8 : मध्यम सुगंधित चावल।
तुलसी मंजरी बी.डी. 1290, बी.डी. 449 : छोटा बारीक सुगंधित चावल।
दिलबक्सा बी.डी. 80 : मध्यम सुगंधित चावल।
दुबराज बी.डी. 531, बी.डी. 153 : मध्यम बारीक सुगंधित चावल।
दुबराज लाल बी.डी. 1299 : दुबराज किस्म से चुना हुआ मध्यम बारीक लाल सुगंधित चावल।
दो कलम बी.डी. 1297 : गुच्छेदार दाना (clustered grain type)
धवर बी.डी. 74 : मध्यम समय में पकने वाली, मोटा चावल।
धौर बी.डी. 23 : देशी बौनी किस्म।
नागकेसर बी.डी. 1149 : करगा (जंगली धान) उन्मूलन के लिये बैंगनी पत्तों वाली धान।
नागपुरी गुरमटिया बी.डी. 685 : चुनी हुई जल्द पकने वाली, मध्यम चावल।
नारवेद बी.डी. 474, बी.डी. 478 : इन्डो जापानी का संकर (नारिन × अन्तर्वेद) मध्यम समय में पकने वाली व लम्बे दानें वाली धान।
नारियल चुड़ी बी.डी. 650 : मध्यम समय में पकने वाली, मध्यम चावल।
निरगुनी बी.डी. 812 : मध्यम समय में पकने वाली मोटा चावल।
निवारी बी.डी. 1028, बी.डी. 1033 : मोटा चावल, जल्दी पकने वाली धान।
नुनगा बी.डी. 814, 1212, 1213 : जल्दी पकने वाली, धान चावल मोटा
मध्यम समय में पकने वाली धान, चावल मोटा।
नुनगी बी.डी. 68 : मध्यम समय में पकने वाली मोटा चावल।
परमाल बी.डी. 587 : लम्बा बारीक चावल।
पल्टू बी.डी. 422 : मध्यम समय में पकने वाली, मध्यम चावल।
पांडरी लुचई बी.डी. 1161, 1173 : मध्य समय में पकने वाली, मध्यम चावल।
पीली लुचई बी.डी. 634 : देर से पकने वाली, मध्यम बारीक चावल।
बंगला गुरमठिया बी.डी. 22, बी.डी. 666 : मध्यम समय में पकने वाली, मध्यम चावल।
बरोण्डा बोल्ड बी.डी. 3 : जल्दी पकने वाली, गुरमटिया समान मोटा चावल।
बरोण्डा चिन्नौर बी.डी. 1295 : मध्यम बारीक सुगंधित चावल।
बरोण्डा 90 : बहुत मोटा चावल तथा वजनदार दानें।
बंसगटी बी.डी. 101 : सूखा निरोधक किस्म।
बंसपत्री बी.डी. 1192 : मध्यम बारीक सुगंधित चावल।
बादशाह भोग बी.डी. 548 : छोटा बारीक सुगंधित चावल।
बादल फूल बी.डी. 21 : देशी बौनी किस्म।
बारंगी बी.डी. 92 : जल्दी पकने वाली धान।
बासमती बी.डी. 443, 626 : लम्बा बारीक सुगंधित चावल।
बांसपोर बी.डी. 1011 : जल्दी पकने वाली धान, मध्यम चावल।
बी.डी. 1019 : जल्दी पकने वाली लम्बा बारीक चावल।
बी.डी. 26 (बी.आर. 14×वी. आर. 8) : दलदल (water logged) भूमि के अनुकूल एवं 5 फुट पानी की गहराई तक उगाई जा सकती है।
बेनीसार बी.डी. 345, 374 : देर से पकने वाली, मध्यम बारीक चावल।
बैकोनी बी.डी. 10 : मध्यम समय में पकने वाली, मोटा चावल।
बैंगनी बी.डी. 355 : करगा (जंगली धान) उन्मूलन के लिये बैंगनी पत्तों वाली धान।
बौनी धान बी.डी. 49 : जल्दी पकने वाली, इन्डो जापानिका संकरण वाली किस्म।
बौनी धान बी.डी. 50 : जल्दी पकने वाली, इन्डो जापानिका संकरण वाली किस्म।
बौनी धान बी.डी. 51 : जल्दी पकने वाली, इन्डो जापानिका संकरण वाली किस्म।
बौनी धान बी.डी. 52 : जल्दी पकने वाली, इन्डो जापानिका संकरण वाली किस्म।
भाटा गुरमटिया बी.डी. 1184, 1260 : मध्यम समय में पकने व गिरने वाली धान।
भाटा गोयन्वी बी.डी. 1058 : जल्दी पकने वाली किस्म।
भाटा मोकड़ो बी.डी. 519 : जल्दी पकने वाली, मोटा चावल।
भोपाल पट्टी बी.डी. 1155 : जल्दी पकने वाली, छोटा मोटा चावल।
माई लुचई बी.डी. 1265, 1266 : देर से पकने वाली, मध्यम चावल।
मिलोनजिया बी.डी. 1296 : 140 दिन में पकने वाली, गुरमटिया समान दाने वाली किस्म।
मुरमुखिमा बी.डी. 348 : मध्यम समय में पकने वाली, मध्यम चावल।
मोकड़ो बी.डी. 262 : देर से पकने वाली धान, मोटा चावल।
रानी काजर बी.डी. 19, 690 : जल्दी पकने वाली, मोटा चावल।
राम करोनी बी.डी. 1034 : बहुत जल्दी, (लगभग 75 दिन) पकने वाली किस्म।
केन्द्रीय धान अनुसंधान संस्थान, कटक के इन्डो-जापानिका संकरण से चुनी गई किस्में। इसी प्रकार की और भी कुछ किस्में छत्तीसगढ़ वातावरण में चुनी गई हैं।
ल-14 बी.डी. 1294 : बहुत चौड़ा, मोटा एवं वजनदार दाना।
लल्लू/लाल सुगंधित बी.डी. 2 : मध्यम बारीक सुगंधित चावल।
लल्लू-14 बी.डी. 265 : मध्यम बारीक सुगंधित चावल, जल्दी पकने वाली, ऊँचे नीचे एवं वर्षा पर निर्भर क्षेत्र के लिये उपयुक्त।
लहावरी बी.डी. 1293 : करगा (जंगली धान) उन्मूलन के लिये बैंगनी पत्तों वाली धान।
लॉजी सुगंधित बी.डी. 442 : मध्यम बारीक सुगंधित चावल।
लाखो कुंवर बी.डी. 1 : जल्दी पकने वाली, मध्यम बारीक सुगंधित चावल, खरीफ एवं ग्रीष्म दोनों मौसमों के लिये उपयुक्त।
लाल लुचई बी.डी. 205 : करगा (जंगली धान) उन्मूलन के लिये बैंगनी पत्तों वाली धान।
लाली मेघाई बी.डी. 158 : जल्दी पकने वाली, मध्यम चावल।
लुचई बी.डी. 127 : मध्यम बारीक चावल, देर से पकने वाली किस्म।
लोकटी मच्छी बी.डी. 106 : छोटा बारीक सुगंधित चावल।
विष्णु भोग बी.डी. 138 : छोटा बारीक सुगंधित चावल।
वांसी बी.डी. 502 : लम्बे दाने वाली धान की किस्म।
श्याम बट्रो बी.डी. 1151 : करगा (जंगली धान) उन्मूलन के लिये बैंगनी पत्तों वाली धान।
शक्कर चीनी बी.डी. 1008 : जल्दी पकने वाली धान की किस्म।
शीतल चीनी बी.डी. 1298 : छोटा बारीक सुगंधित चावल।
श्रीकमल बी.डी. 140 : छोटा बारीक सुगंधित चावल।
सफरी बी.डी. 200 : मध्यम बारीक चावल।
सफेद शुक्ला बी.डी. 879 : छोटा बारीक सुगंधित चावल।
सफेद धान बी.डी. 882 : जल्दी पकने वाली, मध्यम चावल।
समुन्द्र चीनी बी.डी. 1145 : छोटा बारीक सुगंधित चावल।
सरसरिया बी.डी. 1185 : देर से पकने वाली, मध्यम चावल।
सुरमटिया किस्में बी.डी. 11, बी.डी. 254 : जल्दी पकने वाली, मध्यम चावल।
सुरजा बी.डी. 135 : जल्दी पकने वाली, मध्यम चावल।
सोन बांको बी.डी. 121 : मध्यम बारीक चावल।
सोना काठी बी.डी. 151, 206 : मध्यम बारीक चावल।
सौंठ बी.डी. 306 : मध्यम समय में पकने वाली, लम्बा मध्यम चावल, औषधीय उपयोगिता के लिये महत्त्वपूर्ण समझी जाती है।
हल्दी गाटी बी.डी. 117, 460 : सूखा निरोधक किस्म।
हर्दी नाभ बी.डी. 1257 : जिस क्षेत्र में उगाई जाती है यह कीड़े तथा बीमारियों के आक्रमण से मुक्त रहती है। जैसे राजनांदगाँव जिले का मोहला विकासखंड।
हंसा बी.डी. 407 : मध्यम समय में पकने वाली, मध्यम चावल।
हंसराज बी.डी. 246 : लम्बे दानें वाली धान की किस्म।
हंसनो बी.डी. 1221 : जल्दी पकने वाली, मध्यम चावल।
हुड़ा बी.डी. 16 : देशी बौनी किस्म।
गंगई निरोधक किस्में
1. बंगोली- 1
2. बंगोली- 2
3. बंगोली- 3
4. बंगोली- 4
5. बंगोली- 5
6. बंगोली- 6
7. बंगोली- 7
8. बंगोली- 8 (अजान)
9. बरोण्डा - 8 (तुलसी प्रसाद)
10. जलवायु के अनुकूल - डब्ल्यू-1263 (ऊँची)
11. चुनी हुई डब्ल्यू-12708 (बौनी)
ग्रीष्म ऋतु की किस्में (स्थानीय)
विभिन्न वातावरणों में उनके अनुकूल परिवर्तनशीलता को व्यवस्थित करने के लिये अनुकूलता धान अनुसंधान नोट क्रमांक-7 में 58 धान किस्मों की सूची दी गई है। जो विशेष रूप से ग्रीष्म मौसम के लिये अनुकूल एवं उपयोगी पाई गई है।
शीत ऋतु की किस्में
कुछ देशी जातियाँ, जिनकी काश्त शीत ऋतु में की जा सकती हैं, उपयोगी पाई गई है।
सूखा निरोधक (Drought Resistant) किस्में
टी.डी. 2 : बिहार के सबौर अनुसंधान केन्द्र से एकत्रित की गई है और बरोंडा-45 के अंतर्गत चुनाव किया गया है।
टी.डी. 40 : बिहार के सबौर अनुसंधान केन्द्र से एकत्रित की गई है और बरोंडा-46 के अंतर्गत चुनाव किया गया है।
टी.डी. 100 : बिहार के सबौर केन्द्र से एकत्रित की गई है और बरोंडा-47 के अंतर्गत चुनाव किया गया है।
टी.डी. 169 : बिहार के सबौर अनुसंधान केन्द्र से एकत्रित की गई है और बरोंडा-48 के अंतर्गत चुनाव किया गया है।
हल्दी गाटी (एच.-6) : बरोंडा-117 : बस्तर जिले के जगदलपुर विकास खंड से एकत्रित की गई है।
गहरे पानी की धान
बी.डी. 26 : (बी.आर. 14 × बी.आर. 8) : सालोर (बिहार) से एकत्रित की गयी है और 5 फीट पानी की गहराई तक उगाई जा सकती है। बरोंडा-26 के अंतर्गत इसका चुनाव किया गया है।
बी.डी. 27 : 15 से 20 फीट पानी की गहराई में उगाई जा सकती है।
आसाम के गहरे पानी की धान : बरोंडा-27 के अंतर्गत इसका चुनाव किया गया है।
हमारी धान सम्पदा (इस पुस्तक के अन्य अध्यायों को पढ़ने के लिये कृपया आलेख के लिंक पर क्लिक करें।) |
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मध्य प्रदेश में बोई जाने वाली देशी विपुल उत्पादक धान की किस्में व उनकी पहचान के लक्षण |
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