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राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान
प्रस्तुत अध्ययन से स्पष्ट होता है कि आदर्श कृषि नियोजन के लिए पूरे भारतवर्ष को कृषि मौसमीय मार्गों में कम्प्यूटर की सुविधा अच्छी तरह से बांटा जा सकता है। इस अध्ययन से यह भी स्पष्ट है कि मोटे तौर पर देश को 179 Soil Climatic Zones में बांटा जा सकता है तथा इस प्रकार इन क्षेत्रों के विकास का नियोजन उनकी प्रभावी क्षमता के आधार पर किया जा सकता है।
कृषि एवं सिंचाई संबंधी नियोजन के लिए भारत की जलवायु संबंधी ज्ञान का बहुत अधिक उपयोग है। तत्संबंधी जानकारी आबजरवेटरी के लगातार बढ़ते जाने से बढ़ती जा रही है। अतः इनके आंकलन से मौजूदा अध्ययन को सुस्पष्ट बनाया जा सकता है।
इसी को ध्यान में रख के भारतवर्ष के विभिन्न स्थानों से मौसम संबंधी आंकड़े इकट्ठे किए गए और उनका अध्ययन कर भारतीय जलवायु संबंधी आंकलन एक नए सिरे से किया गया है ताकि इसका उपयोग नियोजकों द्वारा सफलता से किया जा सके।
इस रिसर्च पेपर को पूरा पढ़ने के लिए अटैचमेंट देखें
कृषि एवं सिंचाई संबंधी नियोजन के लिए भारत की जलवायु संबंधी ज्ञान का बहुत अधिक उपयोग है। तत्संबंधी जानकारी आबजरवेटरी के लगातार बढ़ते जाने से बढ़ती जा रही है। अतः इनके आंकलन से मौजूदा अध्ययन को सुस्पष्ट बनाया जा सकता है।
इसी को ध्यान में रख के भारतवर्ष के विभिन्न स्थानों से मौसम संबंधी आंकड़े इकट्ठे किए गए और उनका अध्ययन कर भारतीय जलवायु संबंधी आंकलन एक नए सिरे से किया गया है ताकि इसका उपयोग नियोजकों द्वारा सफलता से किया जा सके।
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