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जनसत्ता (रविवारी), 23 मार्च 2014
भूकंप की तीव्रतामापक मर्कली पैमाने में एक से लेकर बारह तक के रोमन अंकों का प्रयोग किया जाता है। भूकंप की तीव्रता को नापने के लिए मेडवेडेव-स्पोन्हुआर- कार्निक यानी एमएस के पैमाने का भी इस्तेमाल होता है। अगली बार आप किसी भूकंप के आने का समाचार सुनें या पढ़े तो ध्यान दें कि रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता या परिणाम इनमें से किसकी बात की जा रही है। अब आप जान गए हैं कि रिक्टर पैमाने पर भूकंप का परिमाण होता है न कि तीव्रता। आए दिन भूकंप के झटकों से धरती के हिल उठने के समाचार पढ़ने-सुनने को मिलते हैं। लेकिन इन समाचारों में रिक्टर पैमाने पर एक निश्चित तीव्रता के भूकंप के रिकॉर्ड किए जाने की बात होती है। न केवल प्रिंट मीडिया बल्कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी रिक्टर पैमाने पर एक निश्चित तीव्रता के भूकंप आने की बात बताता रहता है। जैसे कहा जाता है कि रिक्टर पैमाने पर 5 या 7 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया। लेकिन यह जानकारी सही नहीं है। रिक्टर पैमाने पर एक निश्चित परिमाण (न कि तीव्रता) के भूकंप के आने की बात लिखना या कहना ही विज्ञान की दृष्टि से सटीक है।
इसके लिए यह जनना जरूरी होगा कि भूकंप में और उसकी तीव्रता में क्या अंतर है। चलिए, पहले यह जान लें कि आखिर भूकंप आते क्यों हैं? दरअसल, विवर्तनिक यानी टेक्टॉनिक प्लेटों की गति के कारण धरती में समाहित ऊर्जा जब मुक्त होती है तब भूकंप आते हैं और धरती हिल उठती है।
भूकंप के कारण धरती के कंपनी के रूप में संचारित होने वाली तरंगों को भूकंपी तरंगें या सीस्मिक वेव्स कहते हैं।
आपने अनुभव किया होगा कि भूकंप के कारण कई बार हल्के झटके तो कई बार जो के झटके महसूस होते हैं। तो फिर इन झटकों को नापा कैसे जाता है?
इसके लिए भूकंप के परिणाम और उसकी तीव्रता को नापा जाता है। ये दोनों एकदम भिन्न संकल्पनाएं हैं।
भूकंप के परिणाम यानी मेग्निट्यूड को रिक्टर पैमाने में नापा जाता है। कैलिफ़ोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कार्यरत अमेरिकी भौतिकीविद चार्ल्स एफ रिक्टर ने ही 1935 में विश्व को रिक्टर पैमाने से परिचित कराया था।
भूकंप की तीव्रता को मर्कली पैमाने में नापा जाता है। मर्कली पैमाने का विकास इटली के भूकंप विज्ञानी ज्यूसेप्पे मर्कली ने 1920 में किया था। 1931 में अमेरिकी भूकंप विज्ञानियों हैरी वुड और फ्रेंस नायमॉन ने भूकंप की तीव्रता को नापने का संशोधित मर्कली पैमाना प्रस्तुत किया है।
भूकंप की तीव्रतामापक मर्कली पैमाने में एक से लेकर बारह तक के रोमन अंकों का प्रयोग किया जाता है। भूकंप की तीव्रता को नापने के लिए मेडवेडेव-स्पोन्हुआर- कार्निक यानी एमएस के पैमाने का भी इस्तेमाल होता है। अगली बार आप किसी भूकंप के आने का समाचार सुनें या पढ़े तो ध्यान दें कि रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता या परिणाम इनमें से किसकी बात की जा रही है। अब आप जान गए हैं कि रिक्टर पैमाने पर भूकंप का परिमाण होता है न कि तीव्रता।
भूकंप की तीव्रता को नापने के लिए मर्कली पैमाने का इस्तेमाल होता है। इस बार में आप अपने मित्रों और परिचितों में भी जागरूकता उत्पन् करें। इस तरह सही वैज्ञानिक जानकारी के संप्रेण में आमजन में भी वैज्ञानिक चेतना का विकास होगा।
इसके लिए यह जनना जरूरी होगा कि भूकंप में और उसकी तीव्रता में क्या अंतर है। चलिए, पहले यह जान लें कि आखिर भूकंप आते क्यों हैं? दरअसल, विवर्तनिक यानी टेक्टॉनिक प्लेटों की गति के कारण धरती में समाहित ऊर्जा जब मुक्त होती है तब भूकंप आते हैं और धरती हिल उठती है।
भूकंप के कारण धरती के कंपनी के रूप में संचारित होने वाली तरंगों को भूकंपी तरंगें या सीस्मिक वेव्स कहते हैं।
आपने अनुभव किया होगा कि भूकंप के कारण कई बार हल्के झटके तो कई बार जो के झटके महसूस होते हैं। तो फिर इन झटकों को नापा कैसे जाता है?
इसके लिए भूकंप के परिणाम और उसकी तीव्रता को नापा जाता है। ये दोनों एकदम भिन्न संकल्पनाएं हैं।
भूकंप के परिणाम यानी मेग्निट्यूड को रिक्टर पैमाने में नापा जाता है। कैलिफ़ोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कार्यरत अमेरिकी भौतिकीविद चार्ल्स एफ रिक्टर ने ही 1935 में विश्व को रिक्टर पैमाने से परिचित कराया था।
भूकंप की तीव्रता को मर्कली पैमाने में नापा जाता है। मर्कली पैमाने का विकास इटली के भूकंप विज्ञानी ज्यूसेप्पे मर्कली ने 1920 में किया था। 1931 में अमेरिकी भूकंप विज्ञानियों हैरी वुड और फ्रेंस नायमॉन ने भूकंप की तीव्रता को नापने का संशोधित मर्कली पैमाना प्रस्तुत किया है।
भूकंप की तीव्रतामापक मर्कली पैमाने में एक से लेकर बारह तक के रोमन अंकों का प्रयोग किया जाता है। भूकंप की तीव्रता को नापने के लिए मेडवेडेव-स्पोन्हुआर- कार्निक यानी एमएस के पैमाने का भी इस्तेमाल होता है। अगली बार आप किसी भूकंप के आने का समाचार सुनें या पढ़े तो ध्यान दें कि रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता या परिणाम इनमें से किसकी बात की जा रही है। अब आप जान गए हैं कि रिक्टर पैमाने पर भूकंप का परिमाण होता है न कि तीव्रता।
भूकंप की तीव्रता को नापने के लिए मर्कली पैमाने का इस्तेमाल होता है। इस बार में आप अपने मित्रों और परिचितों में भी जागरूकता उत्पन् करें। इस तरह सही वैज्ञानिक जानकारी के संप्रेण में आमजन में भी वैज्ञानिक चेतना का विकास होगा।