बुन्देलखण्ड का जल संकट हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। कई बार इसके पीछे राजनीतिक कारण होते हैं तो कई बार कोई सामाजिक घटना। कभी चुनावी राजनीति में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए पानी के संकट को राजनीतिक दल चुनाव प्रचार के केंद्र में रखते हैं तो कभी पानी के लिए जातीय छुआछूत से उपजा संघर्ष सामाजिक तनाव का कारण बनता है। इन सबसे थोड़ा सा हटकर एक फिल्मकार ने इस क्षेत्र के जलसंकट को महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध से जोड़कर विषय को एक नया आयाम देने की कोशिश है। इसमें महिलाओं का पानी जुटाने के लिए संघर्ष और पानी के संकट से महिलाओं व बच्चियों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को रेखांकित करने की भी कोशिश हुई है। फ़िल्म निर्देशक और लेखक बिक्रमजीत गुप्ता की फ़िल्म इस समय दुनिया भर के फ़िल्म समारोहों में विषय को अनूठे तरह से स्पर्श करने के लिए प्रशंसित हो रही है।
बुन्देलखण्ड के जल संकट पर बनी फिल्म जल दानव जून महीने में गोल्डन ब्रिज इस्ताम्बुल फ़िल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होगी. इस फ़िल्म की शूटिंग झाँसी के समीपवर्ती ललितपुर जनपद में हुई है जबकि झाँसी के कई कलाकारों को फ़िल्म में अभिनय का मौका मिला है। निर्देशक और लेखक बिक्रमजीत गुप्ता की इस शार्ट फ़िल्म में पानी की समस्या के साथ सामाजिक परिस्थितियों और महिलाओं पर होने वाले अपराधों को भी रेखांकित किया गया है। फ़िल्म में शीन खान, आमरीन अंजुम, अनुश्री कुशवाहा, राम नरेश दिवाकर सहित कई कलाकार अभिनय कर रहे हैं। फ़िल्म जल दानव में झाँसी के रंगकर्मी और अभिनेता आरिफ शहडोली ने भी अभिनय किया है. इसके अलावा झाँसी के ही अभिनेता राम कुमार वर्मा ने भी इन शार्ट फ़िल्म में अभिनय किया है. इस फ़िल्म की शूटिंग झाँसी जनपद के समीपवर्ती ललितपुर जनपद के तालबेहट में हुई है.
बुन्देलखण्ड के जल संकट और इससे जुड़े अन्य विषय कहानी में बेहद मार्मिक रूप से प्रदर्शित किए गए हैं. फ़िल्म की कहानी में एक मार्मिक घटना शामिल है, जिसमें गांव में जल स्रोत न होने और दूर दराज से पानी लाने की कोशिश में महिला और बच्ची को किस तरह की यौन उत्पीड़न की घटना का सामना करना पड़ता है। कहानी यह है कि गांव की महिलाओं को गांव से दूर एक खंडहर में स्थित कुएं से पानी लाना पड़ता है। पानी लाने की प्रक्रिया में महिलाओं को बहुत सारे कष्टों के अलावा पुरुषों की छेड़खानी और अश्लील प्रतिक्रियाएं भी झेलनी पड़ती है। इसी दौरान एक महिला के साथ खंडहर में यौन उत्पीड़न की घटना घट जाती है। वह जब वापस अपने घर आती है और उसकी बच्ची उससे उसकी बदहवासी का कारण पूछती है तो वह बच्ची को एक अलग कहानी बताती है। महिला बच्ची को बताती है कि खंडहर में जल दानव है जिसने उसे परेशान किया है। उसके सामने आने पर बचाव के लिए महिला बच्ची को कुछ पंक्तियां याद करा देती है। माँ की बीमारी के दौरान बच्ची खंडहर के कुएं से पानी भरने जाती है तो वही पुरुष उसके सामने आ जाता है। बच्ची वही पंक्तियां दोहराने लगती है। फिल्मकार इसी दृश्य पर फ़िल्म को खत्म कर देता है।
यह फ़िल्म अब तक दुनिया भर के छह फेस्टिवल्स में प्रदर्शित हो चुकी है जबकि दो जगह इसे अवार्ड भी मिला है। अभी तक यह फ़िल्म सत्रह फेस्टिवल्स के लिए नामांकित हो चुकी है। जून महीने में यह फ़िल्म गोल्डन ब्रिज इस्ताम्बुल फ़िल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होगी। निर्देशक बिक्रमजीत गुप्ता कहते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग पानी के संकट का सामने कर रहे हैं। बुन्देलखण्ड में भी पानी का संकट हमेशा से रह है। हमने सांकेतिक रूप में बुन्देलखण्ड को चुना लेकिन कोशिश यह है कि जल संकट का सामना कर रहे सभी क्षेत्रों और उनकी समस्याओं को इसमें शामिल किया जाए, जिससे देश के जल संकट को समझने में मदद मिले और उससे जुड़े सामाजिक पक्ष की ओर भी लोगों का ध्यान जाए।
लक्ष्मी नारायण शर्मा
मोबाइल - 09454013045
ईमेल - laxmi.611@gmail.com