चार छावैं

Submitted by Hindi on Thu, 03/25/2010 - 09:32
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घाघ और भड्डरी

चार छावैं, छः निरावै।
तीन खाट, दो बाट।।


भावार्थ- छप्पर छाने के लिए चार व्यक्ति, निराई के लिए छः व्यक्ति, चारपाई बुनने के लिए तीन व्यक्ति एवं राह पर चलने के लिए दो व्यक्ति होने चाहिए।