चइत सोवै रोगी

Submitted by Hindi on Fri, 03/26/2010 - 10:52
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घाघ और भड्डरी

चइत सोवै रोगी, बइसाख सोवै जोगी।
जेठ सोवै राजा, असाढ़ सोवै अभागा।।


भावार्थ- चैत मास में सोने वाला व्यक्ति रोगी होता है, वैशाख में योगी पुरुष दिन में आराम करते हैं, जेठ माह में बड़े आदमी (रईस) लोग सोते हैं क्योंकि इस समय लू एवं तपन रहती है, लेकिन आषाढ़ महीने में सोने वाला व्यक्ति अभागा ही होता है, क्योंकि यह समय खेती-किसानी के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है।