विदलन
अतीत कायान्तंपित दाव के परिणामस्वरूप निर्मित शैल (जैसे स्लेट) की वह प्राकृतिक प्रवृत्ति, जिसके अंतर्गत वह अपने समांतर तलों (planes) पर महीन परतों के रुप में विघटित होती रहती है। विदलन की दिशा कभी-कभी शैल स्तरण के समानांतर हुआ करती है, किन्तु आमतौर पर यह झुकी हुई या इसके समकोण पर ही होती है।
पृथ्वी की सतह पर स्थित महीन कणों वाली शैलों में तनाव के कारण उनके ऊपरी सतह पर निर्मित छोटा अंतराल। यथा,मृत्तिका और लावा द्वारा निर्मित काली मिट्टी में नमी समाप्त हो जाने पर (मिट्टी सूख जाने पर) सतह पर छोटी-छोटी दरारें बन जाती हैं।