दूजे तीजे किरबरो

Submitted by Hindi on Thu, 03/25/2010 - 15:34
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घाघ और भड्डरी

दूजे तीजे किरबरो, रस कुसुम्भ महँगाय।
पहले छठयें आठयें, पिरथी परलै जाय।।


शब्दार्थ- किरबरो-खराब, गड़बड़। परलय-प्रलय।

भावार्थ- यदि सूर्य संक्रांति के बाद दूसरा और तीसरा दिन गड़बड़ है तो रसदार पदार्थ और तेल महँगे होंगे। यदि पहला, छठाँ और आठवाँ दिन खराब है तो पृथ्वी पर प्रलय मचेगी।