गंगा रक्षा संबंधी मांगों को लेकर मातृसदन में कुछ दिन पहले कई पर्यावरण रक्षक जुड़े। इस दौरान सभी लोगों ने यह तय किया कि वह इस आंदोलन को धार देने के लिये देशभर के पर्यावरण प्रेमियों को एक जुट करेंगे।इस मौके पर रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पांडे ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन के प्रति गंभीर नहीं है। आंदोलन में 500 से ज्यादा व्यक्तियों ने जान गंवाई। ऐसे में मातृसदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के आंदोलन से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। मातृसदन के आंदोलन को धार देने के लिए उन्होंने गंगा और पर्यावरण प्रेमियों से एकजुट होने की अपील की है।
वही मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि मातृ सदन के आंदोलन को देश भर में चलाने के लिए आज इस सम्मेलन में लोगों ने संकल्प लिया है कि वह इस आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने कहा संसद में प्रस्तावित पारित होने के बाद भी सरकार ने गंगा रक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया है इसका उनके पास एक लिखित प्रमाण भी मौजूद है।
आइए जानते है इस वीडियो से मातृसदन ने कैसे और कब से इस आंदोलन को शुरू किया