गंगा की अविरलता के लिए अनशन कर रहे मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने अनशन को विराम दे दिया है। कोरोना के संकट के बीच देशभर के गंगा प्रेमियों के अनुरोध पर उन्होंने ये निर्णय लिया है। वहीं उन्होंने साध्वी पद्मावती का अनशन समाप्त करने की भी घोषणा की है। इससे उनके स्वास्थ्य के प्रति चिंतित गंगा प्रेमियों ने राहत की सांस ली है।
स्वामी शिवानंद सरस्वती ने रविवार की रात एक वीडियो जारी कर संदेश देते हुए कहा कि भारत वर्ष की परंपरा रही है कि पहले लोग प्रकृति के प्रति अपने अपराध को खोजने का प्रयास करते थे और फिर उसका निराकरण करते थे। ये पर्यावरण के साथ खिलवाड़ और संतों के अपमान का ही नतीजा है, जो विश्व भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि मातृसदन निर्माणाधीन बांधों और खनन को बंद करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर अनशन कर रहा है, मेरा अनशन भी इसलिए ही है, लेकिन कोरोना के कारण पूर भारतवर्ष में कार्य स्वतः की पूरी तरह से बंद है। उन्होंने कहा कि कोरोना से ज्यादा भारत भूख से जूझ रहा है और इससे निपटने के लिए सरकार की क्या व्यवस्था है, ये हम सभी लोग देख रहे हैं।
ऐसे विकट समय में मैं तप कर रहा था। कोरोना के कारण मातृसदन के समर्थकों ने देश-दुनिया में संकट को देखते हुए अनशन को विराम देने की अपील थी। करीब 300 समर्थकों ने लिखित में अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि हमने समर्थन तो 50 लोगों का मांगा था, लेकिन 300 को समर्थन आने पर हमने, लोगों की इन भावनाओं का सम्मान करते हुए तपस्या को विराम दिया गया। साथ ही स्वामी शिवानंद सरस्वती ने साध्वी पद्मावती का अनशन समाप्त करने की भी घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने कोरोना वायरस से बचने के लिए पर्यावरण संरक्षण करने के लिए कहा है।
बता दें कि स्वामी शिवानंद गंगा की अविरता के लिए होली के दिन अनशन पर बैठे थे। इसी दिन ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के अनशन को विराम दिया गया था, जबकि साध्वी पद्मावती 15 दिसंबर 2019 को अनशन पर बैठी थीं। उन्हें फरवरी में दिल्ली में एम्स में भर्ती कराया गया था। हालात काफी खराब होने पर आईसीयू में भर्ती कराया। वे अचेतन अवस्था में चली गई थीं। अब फिलहाल मातृसदन वापिस आई हैं।
हिमांशु भट्ट (8057170025)
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