नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि गंगा को जल्द ही 'राष्ट्रीय नदी' का दर्जा प्राप्त हो जाएगा। गंगा भारतीयों के मन और दिलों में है, समय आ गया है कि 'गंगा के भावनात्मक कड़ी होने की मान्यता को' पहचाना जाए। प्रधानमंत्री ने याद किया कि संयोग से राजीव गांधी ने सबसे पहले गंगा नदी को साफ करने के लिए कार्य योजना बनाने की सोची थी। राष्ट्रीय नदी गंगा की घोषणा करने के साथ ही गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए और एक उच्च अधिकार प्राप्त गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण भी गठित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह है कि देश के चुनें शहरों में टुकड़े-टुकड़े में किए जाने वाले प्रयासों को एक एकीकृत दृष्टिकोण के साथ अपनाने की जरूरत है। नदी को एक पारिस्थितिक इकाई के रूप में नदी को देखा जाना चाहिए। मात्रा और पानी की गुणवत्ता से संबंधित मामलों के लिए पानी का प्रवाह का मुद्दा महत्व रखता है।
प्रस्तावित गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण नदी बेसिन में आपसी समन्वय और प्रदूषण कमी से संबंधित कार्रवाई, पानी और बाढ़ प्रबंधन के सतत उपयोग के लिए विभिन्न पहलुओं और विभिन्न एजेंसियों के बीच काम करेगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रस्तावित प्राधिकरण का अंतिम मसौदा दो माह के अंदर तैयार हो जाना चाहिए।