(कंसोर्टियम ऑफ 7 आई.आई.टी.)
दिनांक : 27 जुलाई, 2014
प्रिय
प्रो. विनोद तारे जी
कोआर्डिनेटर,
आई.आई.टी. कंर्सोटियम फॉर गंगा।
विषय : आई.आई.टी. कंर्सोटियम फॉर गंगा द्वारा प्रस्तुत गंगा रीवर बेसिन मैनेजमेंट प्लान
रिपोर्ट (सितम्बर 2013) के संबंध में आपत्तियां।
महोदय,
निम्नलिखित बिंदु जो कि गंगा मैनेजमेंट के लिए आवश्यक हैं उन पर विचार नहीं किया गया है।
कृपया हमें इन अतिआवश्यक प्रश्नों के उत्तर देने की कृपा करें।
1. गंगा रीवर बेसिन मैनेजमेंट संबंधी संदर्भ सूचि (रिफ्रेंश) कहां है? जो रिफ्रेंश आपने दिया है। उसका रिपोर्ट में कहीं भी जिक्र नहीं है। इसमें कोई ऐसे रिफ्रेंश नहीं हैं जो किसी जर्नल में मुद्रित हों अथवा एम.टेक एवं पी.एच.डी. थीसिस का भाग हों, या जो आई.आई.टी. एवं अन्य संबद्ध संस्था के किन्हीं विशेषज्ञ द्वारा लिखे गए हों। आपके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के रिफ्रेंश में गंगा एक्शन प्लान फेज-1, 1985-88, में संलग्न 13 यूनिवर्सिटी/संस्थान के वैज्ञानिकों/विशेषज्ञों के द्वारा किए गए कार्य का उल्लेख नहीं है जो एक पुस्तक के रूप में मुद्रित है। अत: आपके द्वारा दिया गया रिफ्रेंश विषयवस्तु से भिन्न तथा अर्थहीन है।
2. जिन प्राध्यापकों ने रिपोर्ट प्रस्तुत करने में अपना योगदान दिया उनका नदी अनुसंधान में क्या अनुभव है? तथा उन्होंने नदी मैनेजमेंट संबंधी कितने एम.टेक. एवं पी.एच.डी. थीसिस गाइड करने में अपना योगदान दिया है। जो रिफ्रेंश आपने दिया है उसके अंतर्गत ई.आई.टी. एवं अन्य संस्थाओं के अध्यापकों द्वारा प्रस्तुत एक भी पेपर का वर्णन नहीं किया गया है। क्या ये लोग गंगा पर कुछ भी कार्य नहीं किए हैं? यदि हां तो गंगा पर अनुसंधान के अनुभव के बिना ये लोग इस कार्य में किस प्रकार भागीदार हुए?
3. रॉक एवं मिनीरल के गुणों का वर्णन, जो गंगा उद्गम इसकी मॉर्फोलॉजी तथा प्रवाह का कारण है, नहीं किया गया है?
4. भूस्खलन के क्या चरित्र हैं एवं इसके आयाम, बांध एवं रिजर्ववायर से कैसे बदलते हैं? इसका आलेख कहां है?
5. विभिन्न बांधों के जलाशयों में जलगुण कैसे बदल रहे हैं? इनमें से किसी एक का भी वर्णन, प्रभाव आकलन के तहत नहीं किया गया है।
6. जलाशयों के कारण वातावरणीय तापमान तथा दबाव क्यों और कैसे बदलते हैं? इसका कहीं वर्णन नहीं है।
7. बांधों की क्या संख्या होनी चाहिए? तथा इसकी उंचाई क्या हो? जो हमें अधिकतम जलविद्युत, बिना भूस्खलन की समस्या को पैदा किए हुए, दे सके।
8. क्या उत्तराखंड में जून 2013 की बाढ़ का कारण, बढ़ते हुए बांधों एवं जलाशयों के कारण तीव्र हुआ भूस्खलन है?
9. किसी भी बांध के प्रभाव का आकलन, पेयजल की समस्या के दृष्टिकोण से, जो डैम के डाउनस्ट्रीम में उत्पन्न होती है, का अध्ययन किया गया है?
10. वायुमण्डलीय संतुलन के लिए रॉक के गुण तथा इनके स्लोप का अध्ययन ‘छोटे से बड़े’ या ‘बड़े से छोटे’ के सिद्धान्त के तहत किया जाना चाहिए?
11. गहरे रिजर्ववायर एवं ऊंचे बांध के कारण यथा टेहरी डैम, जिसके कारण पोर प्रेशर बढ़ता है एवं जलगुण घटता है। क्या इसके प्रभाव का आकलन किया गया है?
12. किस स्थिति में डैम से अधिकतम जलविद्युत बिना स्थितिज एवं गतिज ऊर्जा को विशेष रूप से क्षति पहुंचाते हुए, हिमालय क्षेत्र में बनाया जा सकता है?
13. फौना एवं फ्लोरा पर छोटे लम्बाई एवं अधिक गहराई के जलाशय का क्या प्रभाव पड़ता है? क्या इसका आकलन किया गया है?
14. विभिन्न संगम स्थलों के कारण भागीरथी के मॉर्फोलॉजी एवं डायनॉमिक्स पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?
15. हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर के प्रभाव से कंफ्लुएंस का जियोमॉर्फोलॉजी कैसे बदलता है?
16. भीमगोड़ा बैराज का प्रभाव, गंगा जल के गुण में (पश्चिमी गंगा नहर के जल का नहींं), जगह एवं समय से क्या पड़ रहा है?
17. भीमगोड़ा बैराज से गंगा का हाइड्रोग्राफ जगह एवं समय से कैसे बदलता है? अर्थात भीमगोड़ा बैराज से अधिकतम कितना जल समय एवं जगह से पश्चिम गंगा नहर में दिया जाना चाहिए?
18. भीमगोड़ा बैराज के कारण या पश्चिमी गंगा नहर के लिए जलदोहन के कारण, फियेटिक लाइन का बदलाव बेसिन में कैसे होता है?
19. भीमगोड़ा बैराज के डाऊनस्ट्रीम में, गंगा में पानी के स्तर में त्वरित परिवर्तन के कारण बेसिन के दूरस्थ स्थानों पर मिट्टी के उपजाऊपन में बदलाव कैसे होता है?
20. वर्तमान में सिंचाई के लिए गंगाजल के अधिक उपयोग के कारण बेसिन की मिट्टी में सैलिनिटी की समस्या का निदान कैसे होगा?
21. सिंचाई पद्धति में कैसे बदलाव होने चाहिए? जिससे गंगा के जल दोहन में कमी आए एवं अधिकतम उपज मिले।
22. भीमगोड़ा बैराज के डाऊनस्ट्रीम में कितनी दूरी तक गंगा में जलजीव प्रभावित हुए हैं?
23. भीमगोड़ा बैराज के डाऊनस्ट्रीम में कितना पर्यावरणीय प्रवाह गंगा में कम हो गया है?
24. पर्यावरणीय प्रवाह के कमी को कैसे पूरा किया जाए?
25. गंगा के बेड की अधिक खुदाई, बिल्डिंग मैटेरियल के रूप में करने का परिणाम का अध्ययन?
26. पश्चिमी गंगा नहर के हाइड्रोलिक ग्रेडिएंट को बदलने से और अधिक जल गंगा में देने से क्या समस्या का निदान संभव है?
27. नरोरा बैराज की क्षमता, कार्य तथा प्रभाव का आकलन?
28. भीमगोड़ा एवं नरोरा बैराज का हाइड्रोग्राफ क्या है?
29. नरोरा के बाद गंगा जल के गुण में क्या परिवर्तन हैं?
30. भीमगोड़ा एवं नरोरा बैराज में क्या परिवर्तन करने की नितांत आवश्यकता हैं?
31. पेयजल की आपूर्ति जो भीमगोड़ा बैराज के द्वारा दिल्ली में की जा रही है, क्या उससे गंगा पर कोई प्रभाव पड़ रहा है?
32. डायल्यूशन फैक्टर, कानपुर के विभिन्न जगहों पर समय से कैसे बदल रहा है?
33. घटते हुए डायल्यूशन फैक्टर के निदान के लिए क्या उपाय सोचा गया है?
34. कानपुर की समस्याओं के निदान के लिए कहां, कितना और कैसे प्रदूषक का निस्तारण हो, ध्यान में रखा गया है?
35. सैण्डबेड का उपयोग इलाहाबाद में एस.टी.पी. के लिए कैसे किया जाए?
36. वाराणसी में एस.टी.पी. की जगह कहां हो?
37. वाराणसी में बहुत स्थानों पर प्रदूषक गंगा में मिलते हैं। इसे कहां पर, कितना एवं कैसे मिलाया जाए?
38. अवजल का निस्तारण गंगा में बिल्कुल न हो, क्या यह संभव है? 7 जुलाई, 2014 को आपने गंगा मंथन के दौरान दिल्ली में कहा था कि यह संभव है, कैसे?
39. आपने अपने रिपोर्ट में स्टेज डिचार्ज, स्टेज पॉल्यूशन संबंध नहीं दिखाया है। इसलिए जब गंगा मैदानी क्षेत्र में बहती है, न्यूनतम प्रवाह कितना होना चाहिए? इसका आकलन कैसे किया जाए?
40. नदी के जल स्तर के सापेक्ष में आपने न कहीं प्रदूषक के भार को दिखाया है न गहराई के बदलाव को और न ही वेग को दर्शाया है। इस स्थिति में प्रदूषक की व्यवस्था को कैसे परिभाषित किया जाए?
41. बालू क्षेत्र के डी60/डी10 में जगह से हो रहे बदलाव को कहीं नहीं दर्शाया गया। न बालू क्षेत्र के आकार-प्रकार एवं विस्तार का कहीं वर्णन हुआ है। इसलिए प्रदूषक व्यवस्था में बालू क्षेत्र का कैसे उपयोग किया जाए?
42. घाट के कटाव की समस्या वाराणसी में जटिल हो गई है, क्योंकि बालू के क्षेत्र को कछुआ सेंचुरी घोषित किया गया है। इसकी व्यवस्था कैसे हो?
43. चुनार, बलिया, गाजीपुर, पटना आदि स्थान कटाव की समस्या से ग्रसित हैं। हजारों एकड़ भूमि हर वर्ष कटती है। इसके व्यवस्था की क्या तकनीकी निर्धारित की जानी चाहिए?
44. गंगा सबसे ज्यादा मृदाभार ढोने वाली विश्व की दूसरी नदी है। समतल बेसिन के ऊपरी सतह में मृदा का भयावह क्षरण होता है। इसकी व्यवस्था के लिए क्या सुझाव दिया गया है?
45. भूमिगत जल के सतह का निरंतर नीचे जाना गंगा बेसिन की बहुत बड़ी समस्या है। इसके निदान के क्या उपाय सुझाए गए हैं?
46. गंगा के बहुत से जलजीव तकनीकी अभाव के कारण विलुप्त हो गए हैं। इनके बचाव का कोई उपाय नहीं दिया गया है।
47. 34 मीटर से अधिक ऊंचाई के बालू का क्षेत्र फरक्का बैराज में हो गया है। इसके निदान के कोई उपाय नहीं दिए गए हैं।
48. 100 से अधिक गांव बाढ़ की समस्या से फरक्का बैराज के अपस्ट्रीम में वर्षपर्यन्त प्रभावित रहते हैं। इनके लिए क्या उपाय किए जाएं? रिपोर्ट में नहीं दर्शाया गया है।
49. ई-फ्लो के आकलन में बाउंड्री कंडीशन क्या रखा गया है? क्या जो बाउंड्री कंडीशन आपने दिया है इसी के तहत समतल क्षेत्र में आप ई-फ्लो का आकलन कर सकते हैं?
50. क्या कंटीन्यूटी, मोमेंटम, इनर्जी इक्वेशन जो जल एवं प्रदूषक के अंत: एवं बाह्य प्रवाह पर आधारित है, का आकलन गया है?
51. विभिन्न क्रासेक्शन पर गंगा के मैटेरियल, उसके आकार प्रकार, माप, झुकाव एवं स्थिति में परिवर्तन होता रहता है। कृपया यह बताएं कि कितने क्रासेक्शन को अध्ययन के लिए तथा किस आधार पर चयनित किया गया है?
52. पेयजल की भयावह समस्या गंगा के किनारे के क्षेत्रों में है। इसमें वाराणसी भी है। आपकी रिपोर्ट में, सबसे उपयुक्त जगह एवं विधि इंटेक स्ट्रक्चर (पेयजल निकासी के लिए) के लिए कौन सी है? नहीं दर्शायी गई है।
53. निर्मल धारा को जल में अधिक दिन तक (नहीं सड़ने वाली स्थिति) ऑक्सीजन रखते की क्षमता के आधार पर परिभाषित किया जाना चाहिए। यह न्यूनतम समय के लिए जल, जलाशय में स्थित हो, इसे परिभाषित करता है। इस स्थिति को कैसे प्राप्त किया जा सकता है?
54. अविरल धारा एवं सिंचाई के लिए जल दोहन, दोनों की व्यवस्था एक साथ कैसे हो? रिपोर्ट में इसकी व्याख्या नहीं की गई?
कृपया उत्तर शीघ्र देने की कृपा करें।
धन्यवाद!
आदर के साथ
प्रो. यू. के. चौधरी
पूर्व विभागाध्यक्ष, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आई.आई.टी., बी.एच.यू.
संस्थापक, गंगा अनुसंधान केन्द्र, बी.एच.यू.
संस्थापक एवं निदेशक, महामना मालवीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर दी गंगा मैनेजमेंट
पता : B-36/21 C6, Bramhanand Nagar
Ex.-1, Durgakund, Varanasi, U.P.,
India, Pin-221002
मो. : +91 9415201883
ईमेल : mmitgm@gmail.com
वेबसाइट : www.mmitgangamanagement.org
Source
महामना मालवीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर दी गंगा मैनेजमेंट