गर्मी में हो सकती है भीषण जल किल्लत

इससे इस बार गर्मी के मौसम में प्रदेश में विशेष रूप से गाँवों में पीने के पानी की भारी किल्लत होने की सम्भावना बन गई है। जानकारी के अनुसार सूखा प्रभावित राज्य में शुमार गुजरात में विभिन्न क्षेत्रों में स्थित लगभग दो सौ बाँध व सरोवर पीने एवं सिंचाई के पानी का प्रमुख आधार हैं। इसमें दक्षिण एवं मध्य गुजरात में कई इलाकों में नर्मदा नहर के चलते पिछले कुछ सालों से बाँधों के पानी पर आधारित कुछ कम हुई लेकिन कच्छ, सौराष्ट्र एवं उत्तर गुजरात क्षेत्र के अधिकांश इलाके अभी भी बाँधों के पानी पर आधारित हैं। सम्बन्धित क्षेत्रों के बाँधों में संग्रहित पानी हर साल अगला मानसून आने तक लोगों एवं मवेशियों की प्यास बुझाने के अलावा फसलों की सिंचाई के भी काम आता है, लेकिन इस बार प्रदेश में मानसून कमजोर रहने से जहाँ बरसाती पानी बाँधों को पूरी तरह से भर नहीं पाया।
वहीं सिंचाई आदि के लिये मानसून में भी बाँधों का पानी उपयोग किये जाने से चालू सप्ताह में ही बाँधों में बमुश्किल 29 पीसदी पानी रह गया है। इस स्थिति ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों की अभी से चिन्ता बढ़ा दी है। इससे स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने पिछले दिनों कच्छ के कई तहसीलों में स्थिति गाँवों को सूखा प्रभावित घोषित कर दिया है।
बड़े बाँधों की स्थिति भी चिन्ताजनक |
बाँधों के पानी पर आधारित क्षेत्रों में चालू सप्ताह की शुरुआत में बड़े बाँधों में पानी की उपलब्धता पर गौर करें तो बनासकांठा जिले के दांतीवाड़ा बाँध में 24.70 फीसदी, भावनगर के शेत्रुंजी में 32.92 फीसदी, राजकोट के भादर में 18.33 चोटा उदेपुर के सुखी में 7.91, अरावली के वात्रक में 39.12 हाथमती में 4.20, मोरबी के मच्छू-2 में 14.24, ब्रम्हाणी में 13.03 एवं मच्छू-1 बाँध में बमुश्किल 14 फीसदी पानी रह गया है। जबकि जामनगर जिला का सबसे बड़ा बाँध उण्ड-1 पूरा सूख गया है। |
जोन | जलसंग्रहण | उपलब्ध |
क्षमता (एमसीएम) | पानी (एमसीएम) | |
उत्तर गुजरात | 1922.26 | 480.62 |
सौराष्ट्र क्षेत्र | 2526.59 | 286.39 |
कच्छ क्षेत्र | 332.02 | 59.46 |
मध्य गुजरात | 2351.47 | 663.07 |
दक्षिण गुजरात | 8631.42 | 2704.30 |
कुल | 15763.76 | 4193.84 |