घनी-घनी जब सनई बोवै

Submitted by Hindi on Tue, 03/23/2010 - 10:00
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घाघ और भड्डरी

घनी-घनी जब सनई बोवै।
तब सतरी की आसा होवै।।


भावार्थ- सनई को पास-पास बोने से पैदावार अधिक होती है जिससे सुतली की आशा हो जाती है।