शिवुपरी के तानपुर एवं गुना के हरिपुर गांव के बच्चों के लिए इस साल का स्वतंत्रता दिवस यादगार बन गया। उन्होंने न केवल आजादी की 66वीं वर्षगांठ मनाई बल्कि हाथों में चिपककर बैठे बैक्टीरिया से आज़ादी पाने के लिए उन्हें शाला में हैंडवाश प्लेटफॉर्म की सौगात मिल गई। तानपुर की 8वीं की छात्रा रीना रावत कहती हैं, ‘‘हाथ धुलाई का महत्व हम पहले से ही जानते हैं, पर हैंडवाश प्लेटफॉर्म होने से एक साथ कई बच्चे हाथ धो सकेंगे एवं छोटे बच्चों को हाथ धोने के लिए हैंडपंप भी नहीं चलाना पड़ेगा।’’
यूनिसेफ, मध्य प्रदेश के वॉश विशेषज्ञ डॉ. ग्रेगर वॉन मेडिएजा का कहना है, ‘‘देश में निमोनिया एवं डायरिया से 609,000 बच्चों की मौत हर साल होती है। इसका अर्थ है कि इन बीमारियों से 5 साल से कम उम्र के 1600 बच्चों की मौत हर दिन हो रही है। शौच के बाद एवं खाद्य पदार्थ को छूने या खाने से पहले साबुन से हाथ धोने पर निमोनिया को एक चौथाई एवं डायरिया को आधा कम किया जा सकता है, जिससे देश एवं दुनिया में लाखों बच्चों के जीवन को बचाया जा सकता है।’’
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से 12 किलोमीटर की दूरी पर है तानपुर गांव। स्वतंत्रता दिवस के दिन एक ओर बच्चे तिरंगे को देख रहे थे, तो दूसरी ओर मैदान की दाईं ओर बने हैंडवाश प्लेटफॉर्म को भी देख रहे थे। स्वतंत्रता दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद हैंडवाश प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया गया। बच्चों ने नए हैंडवाश प्लेटफॉर्म से हाथ धोने के लिए लंबी लाइन लगा दी। रीना रावत एवं अन्य बालिकाओं ने हाथ धोने के पांच चरणों का प्रदर्शन कर सभी बच्चों को हाथ में बैठे बैक्टीरिया से आजादी पाने के गुर सिखाए।
तानपुर की 6वीं की छात्रा भानमती कहती है, ‘‘यदि हम अपने हाथ को साफ नहीं रखेंगे, तो कई बीमारियां हो जाएंगी, फिर हम अपने देश की आज़ादी का जश्न कैसे मनाएंगे?’’ 7वीं का अर्जुन जाटव कहता है, ‘‘शौच के बाद एवं खाने से पहले साबुन से हाथ धोना हम जानते हैं, पर इसकी सुविधा अच्छे होने से हम कभी इसे नहीं छोड़ेंगे।’’
यूनिसेफ के सहयोग से प्रदेश के गुना एवं शिवपुरी की 50-50 शालाओं में ‘फिट फॉर स्कूल’’ के तहत हैंडवॉश प्लेटफॉर्म लगाए जा रहे हैं। पानी की कमी से हाथ धोने से वंचित रह जाने की स्थिति से उबरने के लिए कम पानी में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को हाथ धुलाने की व्यवस्था स्कूल वॉश कार्यक्रम के तहत की गई है। हाथ धोने की आदत को आत्मसात करने के लिए 100 दिन का विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। गुना में भी हरिपुर पंचायत में मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री के.एल. अग्रवाल एवं कलेक्टर की उपस्थिति में ‘फिट फॉर स्कूल’ का उद्घाटन किया गया।
यूनिसेफ, मध्य प्रदेश के वॉश विशेषज्ञ डॉ. ग्रेगर वॉन मेडिएजा का कहना है, ‘‘देश में निमोनिया एवं डायरिया से 609,000 बच्चों की मौत हर साल होती है। इसका अर्थ है कि इन बीमारियों से 5 साल से कम उम्र के 1600 बच्चों की मौत हर दिन हो रही है। शौच के बाद एवं खाद्य पदार्थ को छूने या खाने से पहले साबुन से हाथ धोने पर निमोनिया को एक चौथाई एवं डायरिया को आधा कम किया जा सकता है, जिससे देश एवं दुनिया में लाखों बच्चों के जीवन को बचाया जा सकता है।’’
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से 12 किलोमीटर की दूरी पर है तानपुर गांव। स्वतंत्रता दिवस के दिन एक ओर बच्चे तिरंगे को देख रहे थे, तो दूसरी ओर मैदान की दाईं ओर बने हैंडवाश प्लेटफॉर्म को भी देख रहे थे। स्वतंत्रता दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद हैंडवाश प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया गया। बच्चों ने नए हैंडवाश प्लेटफॉर्म से हाथ धोने के लिए लंबी लाइन लगा दी। रीना रावत एवं अन्य बालिकाओं ने हाथ धोने के पांच चरणों का प्रदर्शन कर सभी बच्चों को हाथ में बैठे बैक्टीरिया से आजादी पाने के गुर सिखाए।
तानपुर की 6वीं की छात्रा भानमती कहती है, ‘‘यदि हम अपने हाथ को साफ नहीं रखेंगे, तो कई बीमारियां हो जाएंगी, फिर हम अपने देश की आज़ादी का जश्न कैसे मनाएंगे?’’ 7वीं का अर्जुन जाटव कहता है, ‘‘शौच के बाद एवं खाने से पहले साबुन से हाथ धोना हम जानते हैं, पर इसकी सुविधा अच्छे होने से हम कभी इसे नहीं छोड़ेंगे।’’
यूनिसेफ के सहयोग से प्रदेश के गुना एवं शिवपुरी की 50-50 शालाओं में ‘फिट फॉर स्कूल’’ के तहत हैंडवॉश प्लेटफॉर्म लगाए जा रहे हैं। पानी की कमी से हाथ धोने से वंचित रह जाने की स्थिति से उबरने के लिए कम पानी में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को हाथ धुलाने की व्यवस्था स्कूल वॉश कार्यक्रम के तहत की गई है। हाथ धोने की आदत को आत्मसात करने के लिए 100 दिन का विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। गुना में भी हरिपुर पंचायत में मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री के.एल. अग्रवाल एवं कलेक्टर की उपस्थिति में ‘फिट फॉर स्कूल’ का उद्घाटन किया गया।