हिम (Snow)

Submitted by admin on Fri, 12/18/2009 - 16:14
वायुमण्डल से शाखित षटकोणीय क्रिस्टल की अवस्था में अवक्षेपण जो सामान्यत: साधारण बर्फ क्रिस्टल के साथ मिश्रित होते है।

Precipitation from the atmosphere in the form of branched hexagonal crystals, often mixed with simple ice crystals.

वर्षण का एक प्रकार जिसमें हिमकणों (ice crystals) के रूप में वर्षा होती है। जब आर्द्रवायु राशि का संघनन हिमांक से कम तापमान पर होता है जलवाष्प से सीधे सूक्ष्म हिमकणों का निर्माण होता है। ये हिमकण सामान्यतः आपस में मिलकर हिमतूल (snow flakes) की रचना करते हैं जिनकी आकृति षट्कोणीय अथवा अन्य प्रकार की हो सकती है। जब वायुमंडलीय तापमान पर्याप्त निम्न होता है, ये हिमतूल भूतल तक पहुँच जाते हैं किन्तु गर्म वायु के संपर्क से ये मार्ग में ही पिघल जाते हैं और बूंद के रूप में वर्षा (rain fall) होती है। वायुमण्डलीय तापमान में अंतर के कारण ही निचली घाटियों में वर्षा प्रायः जल के रूप में होती है जबकि समीपस्थ ऊँचे पहाड़ी भागों में प्रायः हिमपात (snow fall) होता है। तापमान हिमांक या उसके निकट होने पर हिमतूल एकत्रित (संग्रहीत) होकर आर्द्र हिमखंड का निर्माण करते हैं। किन्तु जब तापमान बहुत कम होता है (जैसे अंटार्कटिका तथा ग्रीनलैंड में) हिमतूल छोटे तथा शुष्क होते हैं और चूर्ण हिम (snow powder) के रूप में पाये जाते हैं। आर्द्र हिमखंडों की लगभग 6 मिलीमीटर की मोटाई 1 मिमी. जलवर्षा के बराबर होती है जबकि समान आयतन वाले शुष्क चूर्ण हिम और जल में 30 और 1 के अनुपात में जल विद्यमान होता है। मौसमी आंकड़ों को एकत्रित करने के लिए संग्रहीत हिम (snow) को पिघला कर तुल्य वर्षा की मात्रा का निर्धारण किया जाता है।