हिमनद पर बर्फ जमाव नहीं

Submitted by admin on Tue, 12/16/2008 - 18:49

पिघलते ग्लेशियरपिघलते ग्लेशियरअमेरिकी हिमनदवेत्ताओं ने दावा किया है कि गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदियों को जल की आपूर्ति करने वाले हिमालयी हिमनदों या ग्लेशियर पर अब बर्फ एकत्र नहीं हो रही है, जिससे विशाल पर्वत श्रृंखला की निचली धारा के पास रहने वाले करोड़ों लोग बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं।

ऊंचाई पर स्थित हिमनदों का अध्ययन करने वाले शोधकर्ता तिब्बती पठार के दक्षिणी छोर पर 19,849 फुट ऊंचे नाइमोनानयी हिमनद से इकट्ठे किये गए तीन हिमखंडों से रेडियोधर्मी संकेत पकड़ने में नाकाम रहे । उन्होंने कहा है कि कुछ स्थानों पर हर साल कुछ महीनों तक इन नदियों में अब बहुत कम पानी रहता है।

बायर्ड पोलर रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित अपने लेख में बताया है कि तीनों हिमखंडों में ट्रीटियम, स्ट्रोन्टियम और सेसियम जैसे बीटा रेडियोधर्मी किरणें छोड़ने वाले तत्व और क्लोरीन का एक आइसोटॉप मौजूद नहीं है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि हिमखंडों में बर्फ की आयु पता लगाने के लिए इन हिमखंडों के ऊपरी हिस्से से रेडियोधर्मी संकेत न मिलना गंभीर समस्या है।

दक्षिण प्रशांत में सोवियत संघ द्वारा 1952-58 में किये गए परमाणु परीक्षण और 1962-63 के परमाणु विस्फोटों के बचे हुए अवशेषों से जो संकेत मिलते हैं, उनसे समय के पैमाने को तय करने के सही मापदंड उपलब्ध होते हैं।

ओहयो राज्य में एक विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित प्रोफेसर लोनी थॉम्पसन ने कहा कि हमने उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों में 13 सुराख किये हैं और इस बार केवल एक को छोड़कर सभी में ये संकेत पाए हैं।

साभार-http://www.voanews.com