इंसान का 20 फीसदी दम घोंट रहा है मलत्याग

Submitted by Hindi on Sat, 11/06/2010 - 08:40
Source
अमर उजाला कॉम्पैक्ट, 05 नवम्बर 2010

क्या आपको पता है कि प्रत्येक इंसान मल त्यागने के दौरान साल भर में करीब दो टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड गैस उत्सर्जित करता है? जी हां, स्पेन के शोधकर्ताओं ने एक शोध में बताया है कि खाने के बाद मनुष्यों द्वारा मल त्यागने के कारण 20 फीसदी से भी अधिक कार्बन-डाई-ऑक्साइड गैस उत्सर्जित होती है। मनुष्यों के मल त्यागने के कारण कार्बन-डाई-ऑक्साइड गैस के उत्सर्जन का तथ्य पहली बार सामने आया है।

प्रमुख शोधकर्ता इवान मुनोज ने बताया कि मनुष्यों के मल से प्रत्येक साल 20 फीसदी से भी अधिक कार्बन-डाई-ऑक्साइड गैस का उत्सर्जन होता है, जो सीधे तौर पर ग्लोबल वार्मिंग को नुकसान पहुंचाता है और पृथ्वी का तापमान बढ़ाने में सहयोग करता है। इसके कारण वायुमंडल में अम्लीकरण भी काफी बढ़ जाता है।

मुनोज ने बताया कि इसमें जानवरों से बनने वाले खाद्य एवं पेय पदार्थों (मांस एवं दूध) की भूमिका सबसे ज्यादा होती है। इसके अलावा कृषि, मवेशियों और मछलियों वाले खाद्य पदार्थ खाने के कारण भी मल त्यागने के बाद अधिक कार्बन-डाई-ऑक्साइड गैस का उत्सर्जन होता है। इसके कारण जल प्रदूषण भी बढ़ता है, क्योंकि मल त्यागने के बाद नाइट्रोजन और फॉसफोरस भी बाहर निकलते हैं, जो जल को दूषित करते हैं। इसके कारण ही जल में शैवाल का जन्म होता है, जो ऑक्सीजन की मात्रा कम रहने पर आसानी से उसमें घुल जाते हैं। इसके बाद बदबू उत्पन्न होती है, जो कई घातक बीमारियों को जन्म देती है।