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अमर उजाला कॉम्पैक्ट, 23 अक्टूबर 2010

रिसर्चरों ने समुद्री पौधे को जीवित रखने वाले पोषक तत्व का अध्ययन किया। हिमयुग और उसके बाद के पौधे पर अध्ययन से पता चला कि समुद्री शैवाल वायुमंडल में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने में अहम रोल निभाता है। यदि इन समुद्री शैवालों की मात्रा बढ़ा दिया जाए तो इस प्रदूषक गैस की मात्रा कम हो जाएगी। जीवाश्म ईंधन के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ता है।
रिसर्चर इलवुड ने बताया कि समुद्री पौधे की कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा घटाने में अहम भूमिका है। फॉस्पेट, नाइट्रेट और सिलिकेट को समझने के लिए समुद्री पौधे की क्रियाशीलता और कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने में भूमिका को समझना जरूरी है। प्रोफेसर मेहर ने बताया कि पहली बार वैज्ञानिकों ने दक्षिण अमेरिकी महासागर के पोषक तत्वों को समझने के लिए ऐतिहासिक तसवीर का पता लगाया है। इससे यह पता चलता है कि किस प्रकार कार्बन डाइऑक्साइड कम करने में समुद्री पौधे सहायक हैं।