लेखक
इतवार करै धनवन्तरि होय, सोम करै सेवा फल होय।
बुध बिहफै सुक्रै भरै बखार, सनि मंगल बीज न आवै द्वार।।
भावार्थ- किसान को खेती का कार्य करते समय ध्यान रखना चाहिए कि वह उसे रविवार को प्रारम्भ करे, इससे वह धनवार हो जाता है। यदि सोमवार को करेगा तो परिश्रम का फल मिलेगा। यदि उसने बुध, वृहस्तपति, शुक्रवार को कार्य प्रारम्भ किया तो बखार (अन्न कोष) भर जायगा और यदि शनिवार या मंगलवार को प्रारम्भ करेगा तो उसे भीषण हानि होगी और बीज भी घर वापस नहीं आयेगा।