जिहि नक्षत्र में रबि तपै

Submitted by Hindi on Thu, 03/25/2010 - 15:29
Author
घाघ और भड्डरी

जिहि नक्षत्र में रबि तपै, तिहीं अमावस होय।
परिवा साँझी जो मिलै, सूर्य ग्रहण तब होय।।


भावार्थ- सूर्य जिस नक्षत्र में होता है उसी में अमावस्या होती है, शाम को यदि प्रतिपदा हो तो सूर्यग्रहण अवश्य होगा।