जलशक्ति (Water power)

Submitted by Hindi on Thu, 05/05/2011 - 12:41
जल के वेग से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा जिसे यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। पहले जल-वेग से सीधे जल चक्कियों को चलाया जाता था, किन्तु अब अधिकांशतः जल के तीव्र वेग से शक्ति गृहों में स्थित टरबाइनों द्वारा जलविद्युत उत्पन्न की जाती है जिसका विभिन्न कार्यों में प्रयोग किया जाता है। ( जल चक्की, जलविद्युत)।

पानी की शक्ति से कोई मशीनरी चलाई जाती हो।

अन्य स्रोतों से

जलशक्ति (Marathi)


पावसाचे पाणी साठविण्यासाठी नदीवर उगमाजवळ धरणे बांधली जातात. उंचावर साठविलेले पाणी खाली सोडताना पाण्यातील स्थितिज उर्जेचे गतिज उर्जेत रूपांतर होते. या उर्जेचे टर्बाईन व विद्युतजनित्र बसवून विद्युतशक्तीत रूपांतर केले जाते. ही वीज इतर कोणत्याही पर्यायांपेक्षा स्वस्त पडते. महाराष्ट्रातील कोयना धरण हे याचे उत्तम उदाहरण आहे. http://blog.dnyandeep.com/

विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)

जलविद्युत्


विद्युत्, जल से उत्पन्न (Hydroelectric) जल से प्राप्त की गई विद्युतशक्ति को जलविद्युत् कहते हैं। विद्युत् शक्ति के जनन की विधियों में जलविद्युत् बहुत महत्वपूर्ण हैं। विश्व की संपूर्ण विद्युत् शक्ति का एक तिहाई भाग जलविद्युत् के रूप में प्राप्त होता है।

यों तो किसी भी रूप में उपलब्ध ऊर्जा को विद्युतशक्ति के जनन के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है। जलप्रपात में गिरते हुए पानी में निहित ऊर्जा का उपयोग प्राचीन काल से ही पनचक्की को चलाने में किया जाता रहा है, परंतु इस ऊर्जा का विद्युतशक्ति के लिए उपयोग बीसवीं शताब्दी की ही देन है।

न केवल गिरते हुए जल में निहित ऊर्जा का उपयोग शक्ति जनन के लिए किया जा सकता है, वरन् बहते हुए पानी में निहित गतिज ऊर्जा (kinetic energy) का उपयोग भी शक्ति जनन के लिए किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले ऐसे स्थान का चुनाव करना होता है, जहाँ बाँध बाँधकर प्रचुर मात्रा में पानी जमा किया जा सके और उसमें निहित शक्ति को विद्युत् शक्ति के जनन के लिए जल को आवश्यकतानुसार नलों अथवा खुली नहर के द्वारा बिजलीघरों में प्रयुक्त किया जा सके। उपयुक्त स्थान की तलाश के लिए वर्षा तथा जमीन दोनों का अध्ययन करना होता है। बाँध ऐसी जगह बनाया जाता है जहाँ न्यूनतम मूल्य में बना बाँध अधिकतम पानी जमा कर सके। इसके लिए स्थान की प्राकृतिक दशा ऐसी होनी चाहिए कि कोई नदी घाटी में होती हुई पहाड़ों के बीच सँकरे मार्ग से गुजरती हो, जिससे सकरे स्थान पर बाँध बनाकर नदी के ऊपरी भाग को एक बड़े जलाशय में परिवर्तित किया जा सके। बाँध के ऊपर एक और अग्रताल (forebay) बनाया जाता है, जहाँ से पानी खुली नहर अथवा नलों द्वारा बिजलीघर तक ले जाया जाता है। यह पानी बिजलीघर में स्थित बड़े बड़े टरबाइनों को चलाता है, जिनसे योजित जनित्रों में विद्युत् शक्ति का जनन होता है। टरबाइन, सीमेंट कंक्रीट के बने ड्राफ़्टट्यूब (draft tube) के मुख पर अवस्थित होता है । पानी गाइड वेन (guide vanes) में होता हुआ टरबाइन के ब्लेडों (blades) को घुमाता है और इस प्रकार अपने निहित ऊर्जा का टरबाइन के चलाने में उपयोग करता है। चलते हुए टरबाइन की यांत्रिक ऊर्जा विद्युत् ऊर्जा में रूपांतरित कर दी जाती है और इस प्रकार जल में निहित ऊर्जा जलविद्युत् का रूप ले लेती है। टरबाइन में इस प्रकार पानी में निहित शक्ति का उपयोग हो जाने के पश्चात्, पानी ड्राफ़्ट-ट्यूब में से होता हुआ विसर्जनी कुल्या (tail race) में जाता है, जहाँ से वह फिर नदी में जा मिलता है। ड्राफ़्ट-ट्यूब की बनावट ऐसी होती है कि पानी की शेष ऊर्जा धीरे धीरे समाप्त हो जाए, जिससे बाहर आने पर नदी के किनारों को क्षतिग्रस्त न करे।पानी में निहित ऊर्जा, उसके आयतन तथा शीर्ष (head) पर निर्भर करती है।

वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
हिन्दी में -

शब्द रोमन में
Jalashakti, Jalashaktee