कमी तभी होती है, जब बर्बादी होती है

Submitted by Hindi on Sat, 01/28/2012 - 12:47
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दैनिक भास्कर
पानी की हर बूंद कीमती है इसे बचाएंपानी की हर बूंद कीमती है इसे बचाएंजल ही जीवन है। वाकई पानी के बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं की जा सकती, लेकिन अफसोस की बात यह है कि जहां एक तरफ करोड़ों लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं, वहीं इतने ही लोग जरूरत से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करके इसे बर्बाद करने पर आमादा हैं। जब हम पानी पैदा नहीं कर सकते तो फिर हमें इसे बर्बाद करने का क्या हक है? पानी की बर्बादी के हजारों बहाने हैं, लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि आज दुनिया पीने के पानी के लिए तरस रही है।

क्या आप जानते हैं कि एक कार धोने में लगभग 150 लीटर पानी की बर्बादी होती है। भारत के अब कई जगहों पर पानी की बहुत बड़ी किल्लत है। उनको एक समय के लिए पीने का पानी पर्याप्त रूप से नहीं मिल पाता और एक-एक बाल्टी पानी के लिए लोग कई किलोमीटर का सफर तय कर डालते हैं। एक तरफ जहां कुछ जगह पानी को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है, वहीं दूसरी ओर ऐसे लोग भी हैं जो पानी को बर्बाद करने में जरा भी संकोच नहीं करते। हमें कार को धोने के लिए पोछे का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर हम कार धोने में कम पानी का इस्तेमाल करेंगे तो हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को पानी मुहैय्या करा सकते हैं। प्रकृति के इस कीमती उपहार की बचत करना ऐसा ही है जैसे हम सुंदर भविष्य के लिए पैसों की बचत करते है। जागरूक नागरिक बनिए और पानी बचाइए। इसकी हर बूंद मानव सभ्यता का भविष्य तय करेगी!