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प्रभात खबर
20 अगस्त 2012, सुपौल। कुसहा त्रसदी के चार वर्ष पूरा होने पर भारतीय नदी घाटी मंच, कोसी कंसोर्टियम व पानी पंचायत बचाओ अभियान के संयुक्त तत्वावधान में बैठक आयोजित की गयी। नंदा झा ने इसकी अध्यक्षता की। भगवान जी पाठक ने कहा कि जब तक कुसहा त्रासदी के लिए जिम्मेवार लोगों को चिह्न्ति कर समुचित कार्रवाई नहीं की जाती है, तब तक सरकार द्वारा कुसहा त्रासदी पर चर्चा करना आम लोगों के साथ बेमानी होगी।
श्री पाठक ने कहा कि चार वर्ष बीत जाने के बावजूद भी दोषियों का पहचान नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होगी, तब तक कुसहा जैसे अमानवीय घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहेगी।
उन्होंने कोसी वासियों से कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही राहत के क्षणिक लाभ से बच कर अपने अधिकार के लिए संघर्षरत होना चाहिए। कुसहा त्रसदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया, बावजूद इसके पीड़ित बेघर परिवार पलायन करने को विवश हैं।
बैठक में बाढ़ वाहिनी का गठन करने, कोसी पीड़ितों की आवाज को दबाने वाले संगठन व एजेंसियों की सूची तैयार कर उनके विरुद्ध आंदोलन तेज करने, कुसहा त्रसदी के लिए जिम्मेदार लोगों को चिह्न्ति करने व ग्राम सभा को मजबूत बनाने के लिए जनजागरण अभियान चलाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। वहीं बैठक में शामिल हुए कटिहार जिले की गौरी कुमारी, पूर्णिया जिले के अकबर अली, मधेपुरा जिले के आनंद निराला, शोभा देवी, अररिया जिले के राकेश कुमार, रिंकी कुमारी, सहरसा जिले के भूषण प्रभात सिंह, खगड़िया जिले के मुकेश यादव आदि पीड़ितों ने भी विचार व्यक्त किये।
श्री पाठक ने कहा कि चार वर्ष बीत जाने के बावजूद भी दोषियों का पहचान नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होगी, तब तक कुसहा जैसे अमानवीय घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहेगी।
उन्होंने कोसी वासियों से कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही राहत के क्षणिक लाभ से बच कर अपने अधिकार के लिए संघर्षरत होना चाहिए। कुसहा त्रसदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया, बावजूद इसके पीड़ित बेघर परिवार पलायन करने को विवश हैं।
बैठक में बाढ़ वाहिनी का गठन करने, कोसी पीड़ितों की आवाज को दबाने वाले संगठन व एजेंसियों की सूची तैयार कर उनके विरुद्ध आंदोलन तेज करने, कुसहा त्रसदी के लिए जिम्मेदार लोगों को चिह्न्ति करने व ग्राम सभा को मजबूत बनाने के लिए जनजागरण अभियान चलाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। वहीं बैठक में शामिल हुए कटिहार जिले की गौरी कुमारी, पूर्णिया जिले के अकबर अली, मधेपुरा जिले के आनंद निराला, शोभा देवी, अररिया जिले के राकेश कुमार, रिंकी कुमारी, सहरसा जिले के भूषण प्रभात सिंह, खगड़िया जिले के मुकेश यादव आदि पीड़ितों ने भी विचार व्यक्त किये।