नवभारत टाइम्स/ नई दिल्ली: बिहार में कोसी के कहर पर जहां बॉलिवुड की नामचीन हस्तियां खामोश हैं, वहीं बॉलिवुड की सीमाएं तोड़कर इंटरनैशनल लेवल पर पहचान बनाने वाले निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर इसको लेकर काफी संजीदा हैं। शेखर कपूर ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि नेपाल में कोसी बांध में संरचनात्मक दबाव दिखाई देने के बावजूद कोई चेतावनी जारी क्यों नहीं की गई? वह इसको लेकर ज्यादा दुखी हैं कि 30 लाख से अधिक लोगों की जान संकट में क्यों डाली गई? आखिर इस संकट के लिए जवाबदेह कौन है?
शेखर कपूर ने अपने ब्लॉग में बिहार की बाढ़ का जिक्र करते हुए लिखा है कि 30 लाख से अधिक लोग इस तबाही के कारण अपने जड़ से विस्थापित हो गए। 100 से अधिक लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन इस आंकड़े को अंतिम नहीं माना जा सकता, क्योंकि बाढ़ प्रभावित कई इलाकों का शेष दुनिया से संपर्क टूट चुका है।
उन्होंने लिखा है कि कई लोग इस बाढ़ का कारण जलवायु परिवर्तन को बता रहे हैं। लेकिन, जब इंजीनियरों ने नेपाल में कोसी बांध में पानी का दबाव देख लिया था, तो इसके टूटने और तबाही मचाने के बारे में चेतावनी जारी क्यों नहीं की गई? इसे इतने हल्के में क्यों लिया गया?
शेखर ने लिखा है खबरों पर यकीन किया जाए तो कहा गया है कि पटना दफ्तर को फैक्स भेजकर चेतावनी दी गई थी, लेकिन प्रभारी व्यक्ति छुट्टी पर गया था और दफ्तर में कोई नहीं था। उन्होंने लिखा है कि जो भी व्यक्ति या संस्था इसके लिए जिम्मेदार है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।