झारखण्ड के सेंट्रल कोलफ़ील्डस लिमिटेड की कुज्जू कोयला खदान में लगी आग अब धीरे-धीरे समूचे इलाके के लिये एक बड़ा खतरा बनती जा रही है। एक तरफ़ जहाँ इस आग से पर्यावरण सम्बन्धी गम्भीर चिंताएं उठने लगी हैं, वहीं दूसरी ओर मानव आबादी और बसाहटों पर मंडराते खतरे के खिलाफ़ भी आवाज़ें उठने लगी हैं।
समय आ गया है कि झारखण्ड में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 33 पर स्थित सेंट्रल कोलफ़ील्ड्स लिमिटेड की कुज्जू कोयला खदानों में लगी आग के मद्देनज़र सामने आने वाले खतरों के प्रति और भी कदम उठाये जायें। जैसा कि कई समाचार पत्रों आदि में बताया जा चुका है, पटना-रांची राजमार्ग पर रामगढ़ कुज्जू स्थित एक बन्द हो चुकी कोयला खदान में ज़मीन के भीतर ही भीतर काफ़ी बड़ी आग धधक रही है, जिसकी वजह से राजमार्ग के अस्तित्व को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। हालांकि विशेषज्ञों की मदद से आग के एक हिस्से पर काबू पाया जा चुका है, लेकिन ताज़ा खबरें हैं कि यह आग और दूसरे नये इलाके में फ़ैल गई है, चारों ओर गहरा काला धुंआ फ़ैल रहा है और यह पर्यावरण को गम्भीर नुकसान पहुँचा रहा है। सीसीएल के अन्तर्गत आने वाली इस खदान की आग जल्द ही आने वाले दिनों में झारखण्ड के स्थानीय पर्यावरण के लिये एक सबसे बड़ी समस्या बनने वाली है।
यदि हम अपने झारखण्ड से, झारखण्ड के पर्यावरण से प्रेम करते हैं तो हमें साथ मिल-बैठकर इस गम्भीर समस्या के हल के लिये लोगों में जागरुकता पैदा करनी होगी, साथ ही समस्त सरकारी एजेंसियों और सुरक्षा विशेषज्ञों को साथ लेकर खदान इलाके में स्थित मानव बसाहट पर मंडरा रहे खतरे के हल के लिये कदम उठाना होगा।
इस सम्बन्ध में 'वृक्ष' नामक स्वैच्छिक संस्था द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन रखा गया है। इस वर्कशॉप में हम कोयला खदानों की आग और उसके मानव बस्ती तथा पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। यह कार्यशाला नीति निर्माताओं, सरकारी तथा निजी क्षेत्र की संस्थाओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा आम जनता सभी के लिये उपयोगी है। इस कार्यशाला में कोई भी व्यक्ति किसी पूर्व रजिस्ट्रेशन की औपचारिकताओं के बिना सहभागी हो सकता है।
यह महत्वपूर्ण कार्यशाला 31 अक्टूबर 2009 को सुबह 11 बजे से दोपहर बाद 1 बजे तक झारखण्ड के रांची में, कामिल बुल्के मार्ग स्थित सत्य भारती हॉल, में आयोजित की गई है… आप सभी का स्वागत है…। इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिये आप श्री मुन्ना झा से सम्पर्क कर सकते हैं।
सम्पर्क- मुन्ना झा
मो. 09570099300
Email- jhamunna@gmail.com
समय आ गया है कि झारखण्ड में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 33 पर स्थित सेंट्रल कोलफ़ील्ड्स लिमिटेड की कुज्जू कोयला खदानों में लगी आग के मद्देनज़र सामने आने वाले खतरों के प्रति और भी कदम उठाये जायें। जैसा कि कई समाचार पत्रों आदि में बताया जा चुका है, पटना-रांची राजमार्ग पर रामगढ़ कुज्जू स्थित एक बन्द हो चुकी कोयला खदान में ज़मीन के भीतर ही भीतर काफ़ी बड़ी आग धधक रही है, जिसकी वजह से राजमार्ग के अस्तित्व को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। हालांकि विशेषज्ञों की मदद से आग के एक हिस्से पर काबू पाया जा चुका है, लेकिन ताज़ा खबरें हैं कि यह आग और दूसरे नये इलाके में फ़ैल गई है, चारों ओर गहरा काला धुंआ फ़ैल रहा है और यह पर्यावरण को गम्भीर नुकसान पहुँचा रहा है। सीसीएल के अन्तर्गत आने वाली इस खदान की आग जल्द ही आने वाले दिनों में झारखण्ड के स्थानीय पर्यावरण के लिये एक सबसे बड़ी समस्या बनने वाली है।
यदि हम अपने झारखण्ड से, झारखण्ड के पर्यावरण से प्रेम करते हैं तो हमें साथ मिल-बैठकर इस गम्भीर समस्या के हल के लिये लोगों में जागरुकता पैदा करनी होगी, साथ ही समस्त सरकारी एजेंसियों और सुरक्षा विशेषज्ञों को साथ लेकर खदान इलाके में स्थित मानव बसाहट पर मंडरा रहे खतरे के हल के लिये कदम उठाना होगा।
इस सम्बन्ध में 'वृक्ष' नामक स्वैच्छिक संस्था द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन रखा गया है। इस वर्कशॉप में हम कोयला खदानों की आग और उसके मानव बस्ती तथा पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। यह कार्यशाला नीति निर्माताओं, सरकारी तथा निजी क्षेत्र की संस्थाओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा आम जनता सभी के लिये उपयोगी है। इस कार्यशाला में कोई भी व्यक्ति किसी पूर्व रजिस्ट्रेशन की औपचारिकताओं के बिना सहभागी हो सकता है।
यह महत्वपूर्ण कार्यशाला 31 अक्टूबर 2009 को सुबह 11 बजे से दोपहर बाद 1 बजे तक झारखण्ड के रांची में, कामिल बुल्के मार्ग स्थित सत्य भारती हॉल, में आयोजित की गई है… आप सभी का स्वागत है…। इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिये आप श्री मुन्ना झा से सम्पर्क कर सकते हैं।
सम्पर्क- मुन्ना झा
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