खोदकर बनाए गये तालाबों का निर्माण सामान्यतया समतल क्षेत्रों में किया जाता है। तालाब के निर्माण के लिये क्षेत्र के सबसे नीचले हिस्से का चुनाव किया जाता है जहां वर्षा जल अपवाह को आसानी से ले जाया जा सके। सर्वप्रथम आवश्यकतानुसार तालाब की सीमारेखा निर्धारित कर खुदाई शुरू की जाती है और खुदाई की गई मिट्टी को तालाब के चारों तरफ एक मजबूत मेंड के रूप में जमाकर रोलर द्वारा ठीक प्रकार दबाया जाता है। तालाब में अन्दर पानी जाने एंव आवश्यकता से अधिक पानी को बाहर निकालने के लिये उचित प्रबंध करना चाहिए तथा दोनों रास्तों को यांत्रिक एवं वानस्पतिक विधियों द्वारा मजबूती एंव स्थिरता प्रदान करनी चाहिए।
कुछ पहाड़ी क्षेत्रो में वर्षा एवं पर्वतीय जल कों सिमेंट एवं ईट अथवा पत्थर की बनी टंकियों में इकटठा करके उपयोग में लाया जाता है।