लम्बे लम्बे कान

Submitted by Hindi on Wed, 03/24/2010 - 12:06
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घाघ और भड्डरी

लम्बे लम्बे कान। और ढीला मुतान।।
छोड़ो छोड़ो किसान। न तो जात हैं प्रान।।


भावार्थ- घाघ का मानना है कि जिस बैल के कान लम्बे हों, पेशाब की इन्द्रिय झूलती हुई हो, हे किसान! उसे जल्दी से हटा दो, नहीं तो तुम्हारे प्राण ले लेगा।