आमतौर पर कई जगहों में ऐसा देखा जाता है कि लगातार बारिश होने के कारण, पूरी देखरेख के बावजूद, छतों से पानी टपकने लगता है। असल में बारिश किस तेजी से आ रही है, उस पर हमारा कोई जोर नहीं चल सकता और न ही कितने दिनों तक चलेगी, इसकी कोई निश्चित तय समय सीमा होती है। इसलिए पहले से देखरेख के बावजूद इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
चिलचिलाती गर्मी के बाद मानसून दस्तक देता है तो निश्चित रूप से सभी के चेहरों पर मीठी-सी मुस्कान की लहर दौड़ने लगती है। आंखों में चमक आ जाती है। बाहर घूमने-फिरने में एक अलग ही मजा आता है। झमझाती बरसात क्षण भर के लिए हमें पूरी तरह तनाव मुक्त कर देती है। इतना ही नहीं घर में नए-नए पकवानों का लुत्फ उठाने का सबसे अच्छा मौका भी बरसात के दिनों में ही होता है। इन दिनों लगता है किसी पुरानी फिल्म का सुनहरा गाना चलाकर आरामदायक कुर्सी में बैठे चाय की चुस्कियां लेते रहें। सच यह मौसम अपने आप में खुशियों की बहार लेकर आता है, लेकिन जहां एक ओर बरसात के अनगिनत फायदे नजर आते हैं, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। दरअसल बरसात हमें आनंदमय अवश्य करती है, लेकिन ये सारी बातें हमारे घर या अपार्टमेंट पर लागू नहीं होतीं। कहने का मतलब है कि बरसात के दिनों में छतों पर पानी जमा हो जाता है, घरों में सीलन आ जाती है, दीवारों में दरारें तक पड़ जाती हैं। इसलिए अपने घर को रेन प्रूफ बनाना आवश्यक है।
कमजोर व पुराने घरों को तो खासतौर पर बरसात के दिनों के कई खामियाजा भुगतने पड़ते हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम अपने घरों को पहले से ही झमझमाती बरसात के लिए तैयार करें। हमारी थोड़ी सी सावधानी, हमें आने वाली बड़ी मुसीबतों से बचाती है। सवाल है कैसे? बरसात के दिनों में सबसे आम समस्या होती है छत पर पानी जमा हो जाना। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि छत पर पानी जमा न होने पाए। असल में हममें से ज्यादातर लोग छत की साफ सफाई पर ज्यादा गौर नहीं करते। बारिश के दिनों में कूड़ा करकट के कारण नालियां जाम हो जाती हैं। परिणामस्वरूप छत कई दिनों तक पानी से भरा रहता है। इससे छत में कमजोरी, दीवारों में सीलन आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अतः अपनी छत पर पानी जमा न होने दें। इसके अलावा अपने घर के निर्माण के दौरान किसी भी प्रकार के डुप्लीकेट माल का इस्तेमाल न करें। याद रखें कि यह आपका घर है। आपका आशियाना। आपके सपनों का जहान।
निर्माण के दौरान यह सुनिश्चित करें कि छत की ढलान किसी एक तरफ हो और उसी तरफ पानी निकलने की सुविधा भी हो। इससे सारा पानी बाहर बह जाएगा। अकसर कुछ लोग घर में बरसात के दिनों में हुए नुकसान के कारण बारिश को कोसने लगते हैं। जबकि याद रखें कि वर्षा न सिर्फ हमारी जरुरत है बल्कि जिंदा रहने के लिए अनिवार्य भी है। भूजल की बढ़ोत्तरी हो, किसानों की जरुरत, नदियों में पानी का गिरता स्तर। इन तमाम चीजों के लिए बरसात हमारी मूलभूत जरुरत है। बहरहाल चेन्नई के रहने वाले बिल्डिंग प्रोटेक्शन सलाहकार आर जे कुमाराव के अनुसार, `जहां बरसात हमें पसीने से भरी जीवनशैली से राहत देती है, वहीं हमारे घरों के लिए एक मुसीबत बनकर आती है। ऐसी स्थिति में हमें अपने घर के हर हिस्से को पहले से ही बरसात के लिए तैयार कर लेना चाहिए। अपने घरों में यदि कहीं टायल्स लगे हैं तो किसी भी खराब टायल को घर में न रहने दें। जितना जल्दी हो सके, उसे निकाल बाहर करें। इसके अलावा सीलन की समस्या हो तो उसका भी जल्द से जल्द इंतजामात कर लें।'
पानी अपने रास्ते में आ रही अड़चनों को या तो चीरते हुए चलता है या फिर साथ ले जाता है। यही कारण है कि छतों पर पानी जमा न होने से पानी इस रफ्तार से ढलान की ओर बढ़ता है कि छतें अगर कमजोर तथा वेल प्लास्टर न की गई हों तो उनकी परत कमजोर हो जाती है। इससे लीकेज की समस्या होने की आशंका बनी रहती है। निःसंदेह यदि छत पर कहीं छेद हो जाता है तो पानी सीधे घर में टपकता है। जरुरी नहीं है कि हर बार ऐसा ही हो। कई बार दरार आने के कारण कुछ इस तरह पानी दीवार में घुलने लगता है जिससे पेंटिंग कलर फीका पड़ जाता तथा घर की पूरी सुंदरता को मानो दाग लग जाता है। कोठारी एंड कोठारी एशोसिएशन के विख्यात आर्कीटेक्ट अजमल जाहिर खान कहते हैं कि यदि किसी के घर की बालकनी बहुत बड़ी है या फिर घर के सामने काफी ज्यादा खुली जगह है तो अपने घर की सही सुरक्षा के लिए इन जगहों पर पानी लम्बे समय तक जमा न रहने दें। विशेषकर यदि खाली जगहों पर मॉर्बल फ्लोरिंग है तो कतई ऐसी लापरवाही न बरतें। दरअसल एसिडिक रेनवाटर इन जगहों के रंग को भद्दा कर सकता है। इतना ही नहीं एसिडिक रेन के कारण यह जगह नष्ट हो सकती है तथा एसिडिक रेन से आपके महंगे मार्बल क्षय भी हो सकते हैं।
आमतौर पर कई जगहों में ऐसा देखा जाता है कि लगातार बारिश होने के कारण, पूरी देखरेख के बावजूद, छतों से पानी टपकने लगता है। असल में बारिश किस तेजी से आ रही है, उस पर हमारा कोई जोर नहीं चल सकता और न ही कितने दिनों तक चलेगी, इसकी कोई निश्चित तय समय सीमा होती है। इसलिए पहले से देखरेख के बावजूद इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके लिए विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी का पर्सनल घर है तो उन्हें नियमित अपने घर की छतों को देखना चाहिए। यदि आप अपार्टमेंट में रहते हैं तो यह समस्या सिर्फ एक या दो की नहीं बल्कि पूरे अपार्टमेंट वालों की बनती है। दरअसल अपार्टमेंट में यदि कोई एक लीकेज या सीलन की समस्या से जूझ रहा होता है तो सही तरह से कंस्ट्रक्शन न होने के चलते वह धीरे-धीरे सभी घरों तक पहुंच जाती है। ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए सबको सहयोग करना चाहिए।
विशेषज्ञ कहते हैं कि बारिश के दिनों में पाइप लाइनें और नालियां भी बुरी तरह प्रभावित होती हैं। इसलिए हो सकता है कि आपके घर में कोई समस्या न हो लेकिन पाइप लाइन खराब होने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अतः अपने घर की पाइप लाइनों को नियमित रूप से अवश्य चेक करें। ध्यान रखें कि यदि आप शुरुआती तौर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं तो निश्चित रूप से भविष्य में आपको इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। एक बात और गौर करने की यह है कि छतों में जमा पानी कई बीमारियों की जड़ भी है। सो, यह न सिर्फ आपको मानसिक तनाव दे सकता है बल्कि शारीरिक परेशानियों को भी आमंत्रित कर सकता है। बेहतर है कि पहले से ही सजग रहें और अपने घर को रेन प्रूफ बनाएं।