कायांतरित शैल
वे शैल जो मूलरूप से आग्नेय अथवा अवसादी थे, परंतु जिनके रूप और गुण परिवर्तित हो गए हैं। ये परिवर्तन ऊष्मा तथा दाव के कारण हो जाते हैं। उष्मा से खनिजों में पुनः क्रिस्टलन होता है, तथा दाब से शैल-संरचना बदल जाती है। ये शैल आग्नेय और अवसादी शैलों (sedimentary rock) से इतने भिन्न होते हैं कि व्यावाहारिक रूप से इनका उद्गम निर्धारित करना असम्भव हो जाता है।