नारि सुहागिन जल घट लावै

Submitted by Hindi on Fri, 03/26/2010 - 09:39
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घाघ और भड्डरी

नारि सुहागिन जल घट लावै। दधि मछली जो सनमुख आवै।।
सनमुख धेनु पिआवै बाछा। यहि सगुन हैं सब से आछा।।


भावार्थ- यदि सौभाग्यसाली स्त्री पानी से भरा घड़ा ला रही हो, कोई सामने से दही और मछली ला रहा हो या गाय बछड़े को दूध पिला रही हो तो यह सबसे अच्छा शकुन होता है।