निखर गया यमुना का आईटीओ घाट

Submitted by admin on Thu, 03/18/2010 - 08:15
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नवभारत टाइम्स/ 18 Mar 2010

नई दिल्ली। बुधवार सुबह यमुना के आईटीओ घाट का नजारा देखने लायक था। 'मेरी दिल्ली मेरी यमुना' कैंपेन के लिए करीब 1500 वॉलंटियर्स इकट्ठा हुए थे। ये दिल्लीवाले ठान कर आए थे कि यमुना के इस घाट को साफ करके ही रहेंगे। श्री श्री रविशंकर खुद नाव में सवार होकर यमुना के दोनों किनारों के चक्कर लगा रहे थे और नदी की गंदगी निकालकर बोरों में भरवा रहे थे। नतीजा कुछ ही देर में सामने था, इस घाट को एक नई शक्ल मिल चुकी थी।

इस घाट की थोड़ी बहुत सफाई पिछले करीब 15 दिनों से चल रही थी। इस दौरान वॉलंटियर्स न सिर्फ यमुना की सफाई कर रहे थे बल्कि उन लोगों को भी समझा रहे थे जो यहां कूड़ा डालते हैं। पिछले दो दिनों से तो करीब 15 वॉलंटियर्स पुल पर खड़े होकर लोगों को यमुना को साफ रखने के लिए मोटिवेट कर रहे थे। आर्ट ऑफ लिविंग के ईस्ट दिल्ली के इंचार्ज नरेंद्र मोहन गुप्ता ने बताया कि इस घाट की हालत इतनी खराब थी कि एक दिन में इसे साफ करना मुमकिन नहीं था। इसलिए हमारे कुछ वॉलंटियर्स पिछले 15 दिनों से यहां काम कर रहे थे ताकि तय वक्त पर हम अपने लक्ष्य को पूरा सकें। उन्होंने कहा कि इस कैंपेन को सफल बनाने के लिए हमने दिल्ली के मेयर, एम. सी. डी. कमिश्नर और पीडब्ल्यूडी ऑफिसरों से संपर्क किया। सभी यमुना की सफाई को लेकर बहुत चिंतित थे और सभी ने इस कैंपेन को पूरा सपोर्ट करते हुए हमें सपोर्ट लेटर सौंपे।

इस कैंपेन से जुड़े वॉलंटियर्स भी इसकी सफलता से काफी खुश थे। हर उम्र और क्षेत्र के लोगों ने इसमें भाग लिया। पेशे से सीए अमित ने कहा कि यमुना के इस घाट को साफ करके आज बहुत ही संतुष्टि मिली है। हालांकि अपने बिजी शेड्यूल में से टाइम निकालना काफी मुश्किल तो था लेकिन यमुना की सफाई का काम भी बेहद जरूरी था क्योंकि चारों तरफ गंदगी फैली हुई थी। सभी लोगों के मिलकर कोशिश की तभी सफलता मिली है। इंजीनियरिंग स्टूडेंट निधि ने भी गंदगी की परवाह न करते हुए पानी में उतरकर यमुना को साफ किया। उनका कहा कि यमुना कोई डस्टबिन नहीं है कि जो चाहा इसमें फेंक दिया।

निधि के साथ ही सफाई के काम में जुटीं कनिका ने कहा कि यूथ को ऐसे कामों में आगे आना चाहिए। इससे बड़ों को भी मोटिवेट किया जा सकता है। यमुना की सफाई में लगे इन वॉलंटियर्स में स्कूली बच्चे भी थे। अभिषेक ने हाल ही में 9वीं क्लास के एग्जाम दिए हैं। उन्होंने कहा कि मैं तो एग्जाम के दिनों में भी यहां सफाई के लिए आया था क्योंकि ऐसे अच्छे कामों में हम बच्चे भी अपने हिस्से का कंट्रिब्यूशन देना चाहते हैं।

नरेंद्र ने बताया कि इस मुहिम में सिर्फ आर्ट ऑफ लिविंग से जुडे़ लोग ही शामिल नहीं है बल्कि अलग-अलग ऑगेर्नाइजेशंस के लोग आगे आ रहे हैं। सिर्फ ईस्ट दिल्ली से 103 संस्थाएं इसमें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद कॉमनवेल्थ से पहले दिल्ली को चमकाना है। इसके लिए सितंबर में करीब 10 लाख लोग इकट्ठा होकर एक दिन में दिल्ली साफ करेंगे।