ओस (Dew)

Submitted by Hindi on Wed, 12/16/2009 - 15:36
भूमि पर या भूमि के निकट वस्तुओं पर जमा हुई पानी की बूंद जो कि आस-पास की स्वच्छ वायु में निहित जलवाष्प के संघनन द्वारा उतपन्न होती है ।

Deposit of water drops on objects at or near the ground, produced by the condensation of water vapor from the surrounding clear air.

जब रात्रि में पृथ्वी से ताप के परावर्तन के कारण वायुमंडल की निचली परत ओसांक (dew point) से भी नीचे तक ठंडी हो जाती है, वायु में विद्यमान जलवाष्प संघनित होकर बूँद में बदल जाती है और भूतल के ऊपर अथवा भूतल के समीप स्थित वस्तुओं जैसे घास या अन्य वनस्पतियों के ऊपर बूंदों का जमाव हो जाता है जिसे ओस कहते हैं। भूतल के समीप वायुंमंडल में जलवाष्प की अधिकता तथा तापक्रम की न्यूनता जितनी ही अधिक होती है, उतनी ही अधिक ओस पड़ती है। ओस के निर्माण के लिए वायु का शांत होना आवश्यक है जिससे वह भूमि के संपर्क में अधिक समय तक रहकर ओसांक तक ठंडी हो सके। दिन में प्राप्त सूर्यातप वाष्पीकरण के लिए उपयुक्त होता है जिससे वायु में जलवाष्प की मात्रा बढ़ जाती है। इसके विपरीत रात में आकाश मेघरहित होने पर भूतल से ताप के तीव्र परावर्तन से तापमान अधिक नीचा हो जाता है। इस प्रकार शांत मौसम, वायु में उपस्थित आर्द्रता तथा साफ आकाश ओस की उत्पत्ति के लिए सर्वोत्तम दशाएं प्रदान करते हैं।